Coronavirus Lockdown: सूची में नाम नहीं होने से मजदूर परिवार नहीं जा सका अपने घर, आंधी-बारिश में खुले आसमान के नीचे रहने पर मजबूर
By भाषा | Published: May 1, 2020 12:32 PM2020-05-01T12:32:49+5:302020-05-01T12:32:49+5:30
घर जाने के लिए बनाए गए लिस्ट में इन मजदूरों का नाम न होने कारण इन्हें महिलाओं और बच्चों सहित रात आंधी और बारिश में खुले आसमान के नीचे बितानी पड़ी। जिला प्रशासन ने प्रोटोकॉल का पालन करने के नाम पर और सूची में नाम नहीं होने की वजह से इन मजदूरों को कलेक्शन सेंटर के भीतर घुसने नहीं दिया।
प्रयागराज: मजदूर दिवस की पूर्व संध्या पर मजदूरों के एक समूह को महिलाओं और बच्चों सहित रात आंधी और बारिश में खुले आसमान के नीचे बितानी पड़ी। जिला प्रशासन ने प्रोटोकॉल का पालन करने के नाम पर और सूची में नाम नहीं होने की वजह से इन मजदूरों को कलेक्शन सेंटर के भीतर घुसने नहीं दिया।
चार पुरुषों, तीन महिलाओं और दो बच्चों का समूह प्रयागराज से दमोह के लिए पैदल ही निकल पड़ा था, लेकिन चौराहे पर पुलिस ने उन्हें रोककर सिविल लाइंस बस अड्डे पर जाने का यह कहते हुए निर्देश दिया कि वहां से मध्य प्रदेश के लिए बस जा रही है। समूह के सदस्य उत्तम ने पीटीआई भाषा को बताया, ‘‘शाम छह बजे हम बस अड्डे पहुंचे जहां हमें पास में ही स्थित एंग्लो बंगाली इंटर कालेज जाने को कहा गया।
यहां हम पहुंचे लेकिन पुलिस वालों ने हमें यहां घुसने नहीं दिया। हमारी आंखों के सामने कई बसें निकल गई, लेकिन हमें बस में चढ़ने नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी के पास जाकर लिस्ट में अपना नाम डलवाओ।’’
समूह की महिला सदस्य आरती ने बताया कि रात 3 बजे जोर की आंधी और बारिश में हमने पन्नी से स्वयं को ढककर बचाया। हालांकि सारा सामान भीग गया। बारिश बंद होने पर एक पुलिस वाले ने हमें स्कूल के अंदर बुला लिया। हम प्रयागराज के शिवकुटी थाना अंतर्गत कैलाशपुरी में मजदूरी करते हैं और दमोह के लिए पैदल निकले थे। संपर्क करने पर एडीएम प्रशासन का नंबर बंद मिला जबकि जिलाधिकारी का फोन नहीं उठा। सरकार द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिलों से मध्य प्रदेश के मजदूरों को इसी कलेक्शन सेंटर में कल एकत्र किया गया था और देर रात उन्हें उनके जनपदों के लिए बसों से रवाना किया गया।