महाराष्ट्र में कोरोना का कहर, 778 नए मामले, कुल संक्रमित लोगों की संख्या 6427, मरने वाले 283
By भाषा | Published: April 23, 2020 09:13 PM2020-04-23T21:13:26+5:302020-04-23T21:13:26+5:30
धारावी में कोरोना वायरस से एक की मौत हुई और 25 नए मामले सामने आए। धारावी में पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या बढ़कर 214 हो गई है और मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 13 हो गया है।
मुंबईः देश में महाराष्ट्र में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण के 778 नए मामले के साथ कुल संक्रमित लोगों की संख्या 6427 पहुंची। बृहस्पतिवार को 14 लोगों की मौत हुई है। मरने वाले की संख्या बढ़कर 283 है।
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के मामलों की कुल संख्या 6427 है, इसमें डिस्चार्ज हो चुके 840 मामले शामिल हैं। अधिकारी ने बताया, ‘‘ कोविड-19 संक्रमण से मुक्त होने के बाद 67 लोगों को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है जिसके बाद स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या 840 तक पहुंच गई है।’’
राज्य में संक्रमण के 4,591 सक्रिय मामले हैं और अब तक 90,223 नमूनों की जांच हो चुकी है। मुंबई में अब तक 3,683 मामले आए हैं और 161 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में संक्रमण की अधिकता वाले 465 क्षेत्र हैं।
महाराष्ट्र सरकार ने लॉकडाउन के दौरान घर-घर समाचार पत्र पहुंचाने पर रोक लगाने के अपने फैसले को जायज ठहराया है। सरकार ने बृहस्पतिवार को यहां बंबई उच्च न्यायालय की पीठ को बताया कि विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना वायरस किसी सतह पर लंबे समय तक रहता है और समाचार पत्र एक व्यक्ति के हाथ से दूसरे व्यक्ति के हाथ में जाते हैं, जिससे इस जानलेवा वायरस के संक्रमण के फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
778 new #COVID19 cases & 14 deaths reported in Maharashtra today, as of 6 pm. Total coronavirus cases in the state now at 6427, including 840 discharged after recovery: State Health Department pic.twitter.com/6sI4HXSmAC
— ANI (@ANI) April 23, 2020
सरकार ने बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ के समक्ष दलीलें रखते हुए कहा कि उसका फैसला एक अपवाद है और इससे प्रेस की स्वतंत्रता का किसी भी तरह उल्लंघन नहीं होता है। न्यायमूर्ति एन डब्ल्यू साम्ब्रे के समक्ष दाखिल हलफनामे में सरकार ने कहा कि समाचार पत्र जरूरी वस्तु नहीं है, लिहाजा इसे घर-घर पहुंचाने पर रोक के फैसले को किसी भी मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं कहा जा सकता।
राज्य सरकार की ओर से नागपुर के कलेक्टर रविन्द्र ठाकरे द्वारा दायर हलफनामे में महाराष्ट्र श्रमजीवी पत्रकार संघ और नागपुर श्रमजीवी पत्रकार संघ द्वारा दायर याचिका का जवाब दिया गया है। पत्रकार संघों की याचिका में सरकार के 18 अप्रैल के फैसले को चुनौती दी गई है।