कोरोना महामारी मामलों के जानकार ने कहा, 'राज्य अलग-अलग समय पर कोविड-19 संक्रमण को चरम पर देखेंगे'
By भाषा | Updated: May 17, 2020 16:33 IST2020-05-17T16:33:09+5:302020-05-17T16:33:09+5:30
‘पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया’ में ‘लाइफ कोर्स एपिडेमिओलोजी’ के प्रमुख प्रोफेसर बाबू ने कहा कि पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है।

कोरोना महामारी मामलों के जानकार ने कहा, 'राज्य अलग-अलग समय पर कोविड-19 संक्रमण को चरम पर देखेंगे'
बेंगलुरु: जाने-माने जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ एवं महामारी मामलों के जानकार गिरिधर आर बाबू का कहना है कि राज्यों में अलग-अलग समय पर कोरोना वायरस संक्रमण चरम पर पहुंचेगा और इस मामले में देश में एकरूपता नहीं होगी। उन्होंने इस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए निगरानी कड़ी किए जाने और जिला कार्य योजनाएं बनाए जाने का सुझाव दिया।
‘पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया’ में ‘लाइफ कोर्स एपिडेमिओलोजी’ के प्रमुख प्रोफेसर बाबू ने कहा कि पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि इन राज्यों में मृत्युदर कम करने के संदर्भ में चीजें बिल्कुल अलग होंगी जबकि अन्य राज्यों में अभी मामलों में बढ़ोतरी देखी जानी है, इसलिए हमारी तैयारी जारी रहनी चाहिए।
बाबू ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा कि लेकिन इन दोनों ही श्रेणियों के राज्यों में निगरानी बढ़ाए रखने की आवश्यकता है। यदि ऐसा नहीं हो सका, तो भारत को अन्य देशों की तुलना में जो सफलता मिली है, वह बरकरार नहीं रहेगी। यह पूछे जाने पर कि क्या संक्रमण विभिन्न राज्यों में अलग-अलग समय पर चरम पर पहुंचेगा और इस मामले में देश में एकरूपता नहीं होगी, उन्होंने कहा, ‘‘बिल्कुल सही। हर राज्य अब एक देश की तरह है।
हम संक्रमण से कम प्रभावित क्षेत्रों में इसे (चरम बिंदु को) टाल सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि मामलों की बढ़ती संख्या से घबराने की जरूरत नहीं है। लक्ष्य मृत्यु दर को कम करना होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘यदि कड़ी निगरानी की जा रही है, तो अधिक मामले सामने आएंगे और अंतत: आप मृत्युदर को कम कर सकते हैं। इसी बात पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।’’
बाबू ने कहा कि वे उन जिलों को लेकर चिंतित हैं, जहां संक्रमण का अभी एक भी मामला सामने नहीं आया है। उन्होंने उदाहरण दिया कि कुछ दिन पहले कर्नाटक के तीन जिलों (दावणगेरे, चित्रदुर्ग और शिमोगा) में संक्रमण का कोई मामला नहीं था लेकिन अब ये संक्रमण से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्र (हॉटस्पॉट) हैं।