Madhya Pradesh News: COVID-19 के लिए स्क्रीनिंग करने गए स्वास्थ्यकर्मियों पर पथराव के मामले में 7 गिरफ्तार
By भाषा | Published: April 2, 2020 07:57 PM2020-04-02T19:57:08+5:302020-04-02T19:57:08+5:30
कोरोना वायरस (Coronavirus) की स्क्रीनिंग करने गए स्वास्थ्यकर्मियों पर पथराव करने के मामले में पुलिस ने 7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
इंदौर: कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के एक स्थानीय मरीज के संपर्क में आये लोगों को ढूंढने गये स्वास्थ्यकर्मियों के दल पर पथराव की बहुचर्चित घटना के सात आरोपियों को पुलिस ने बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया। पथराव की घटना में दो महिला चिकित्सकों के पैरों में चोटें आयी थीं। पुलिस को सुराग मिले हैं कि शहर के टाटपट्टी बाखल इलाके की यह घटना सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों के बाद असामाजिक तत्वों के उकसावे के चलते सामने आयी थी। पथराव का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) हरिनारायणचारी मिश्रा ने कहा, 'वीडियो फुटेज के आधार पर पहचान के बाद घटना के लिये जिम्मेदार सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है।' डीआईजी ने बताया कि शहर में कोरोना वायरस का जो भी मरीज मिल रहा है, उसके परिजनों और उसके संपर्क में आये व्यक्तियों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा सघन अभियान चलाकर ढूंढा जा रहा है और उन्हें सावधानी के तौर पर अलग किया जा रहा है ताकि इस संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। उन्होंने बताया, 'हमें पता चला है कि स्वास्थ्य कर्मियों पर पथराव की घटना से एक-दो दिन पहले सोशल मीडिया पर इस अभियान के खिलाफ कुछ अफवाहें फैलायी गयी थी। हालांकि, पथराव सुनियोजित प्रतीत नहीं हो रहा है। टाटपट्टी बाखल इलाके के कुछ असामाजिक तत्वों के उकसावे पर क्षेत्रीय रहवासियों ने अचानक पथराव किया।'
मिश्रा ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाले लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कदम उठाये जायेंगे। इस बीच, छत्रीपुरा पुलिस थाने के प्रभारी करणी सिंह शक्तावत ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों पर पथराव के मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों की उम्र 21 से 50 वर्ष के बीच है और इनमें से तीन लोगों को आपराधिक रिकॉर्ड है।
उन्होंने बताया कि मामले में भारतीय दंड विधान की धारा 147 (बलवा), धारा 188 (किसी सरकारी अधिकारी का आदेश नहीं मानना), धारा 269 (ऐसा लापरवाही भरा काम करना जिससे किसी जानलेवा बीमारी का संक्रमण फैलने का खतरा हो), धारा 353 (लोक सेवकों को भयभीत कर उन्हें उनके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिये उन पर हमला) और अन्य सम्बद्ध प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं।
थाना प्रभारी ने बताया कि फिलहाल मामले के करीब 15 आरोपी फरार हैं जिनकी तलाश की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि टाटपट्टी बाखल के पथराव में चोटिल हुईं दोनों महिला डॉक्टर कोरोना वायरस के खिलाफ अभियान चला रहे स्वास्थ्य विभाग के पांच सदस्यीय दल में शामिल थीं। यह दल कोरोना वायरस संक्रमण के एक मरीज के संपर्क में आये लोगों को ढूंढने गया था।