पटना। ब्राह्मण समाज को लेकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) पार्टी के प्रमुख जीतन राम मांझी के विवादित बयान के बाद अब एनडीए के दो सहयोगी भाजपा और 'हम' आमने सामने आ गई हैं। हाल ही में बिहार के वन एवं पर्यावरण मंत्री नीरज कुमार बबलू ने मांझी की उम्र का हवला देते हुए उन्हें राजनीति से संन्यास लेकर राम-राम कहने की सलाह दी थी। जिसके बाद पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने पलटवार करते हुए सरकार गिराने की चेतावनी तक दे डाली थी।
अब हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान के बयान पर मंगलवार मंत्री नीरज ने तंज कसते हुए कहा कि चार विधायक से ही सरकार नहीं चल रही है। उन्होंने कहा कि रिजवान जी पढ़े लिखे लोग हैं। टीआरपी के लिए लोग बोलते रहते हैं। मंत्री नीरज ने कहा कि एनडीए के सहयोगी दल एकजुट हैं। जीतन राम मांझी के लड़के भी मंत्री हैं। उनका भी ऐशो-आराम खत्म हो सकता है। नीरज ने कहा कि मेरा मंत्री पद जाएगा तो मांझी के बेटे का मंत्री पद भी छीन जाएगा। बिहार में सरकार सभी के समर्थन से चल रही है। इस दौरान उन्होंने दानिश रिजवान के औकात वाले बयान पर भी उनकी खिंचाई की। नीरज बबलू ने कहा कि दानिश रिजवान को पहले अपनी हैसियत देखनी चाहिए।
यहां बता दें कि नीरज बबलू के बयान को लेकर हम पार्टी प्रवक्ता दानिश रिजवान ने आपत्ति जाहिर करते हुए कहा है कि वह होते कौन हैं कि मांझी जी को सलाह देनेवाले? उन्होंने यह भी कह दिया था कि अगर 'हम' अपने चार विधायक हटा ले तो एनडीए के ये नेता सड़क पर आकर राम-राम जपने लगेंगे।
दानिश रिजवान ने कहा कि जिस मंत्री पद के बल पर वह इतना बोल रहे हैं, वह मांझी जी की पार्टी की बदौलत मिली हुई है। दानिश रिजवान यहीं पर रूके। उन्होंने मामले में प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी और बंगाल भाजपा प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय पर भी निशाना साधा। उन्होंने कैलाश विजयवर्गीय का नाम लेते हुए कहा कि वह कहते हैं कि सेक्यूलर लोग जानवरों से बद्तर होते हैं। देश के प्रधानमंत्री खुद को सेक्यूलर कहते रहे हैं तो क्या प्रधानमंत्री जानवर हैं? तो सबसे पहले उन्हें संन्यास लेने के लिए कहिए। उन्होंने कहा कि कई बार प्रधानमंत्री की जुबान भी फिसली है, तो क्या उन्हें भी राजनीति से संन्यास लेने की सलाह दीजिएगा?
गौरतलब है कि बिहार सरकार में मंत्री नीरज कुमार बबलू ने मांझी के ब्राह्मणों के खिलाफ दिए गए बयान की निंदा करते हुए कहा था कि मांझी वरिष्ठ नेता हैं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें मुख्यमंत्री जैसे पद पर बैठाया। इतने सम्मानित जगह तक वे पहुंचे। ऐसी स्थिति इस तरह का बयान देना कहीं से उचित नहीं है। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को राजनीति से संन्यास लेकर 'राम नाम' जपने की सलाह दी थी।