चीन से लगती सीमा पर दर्जनों बंकरों का निर्माण जारी, माइनस 30 डिग्री तापमान में भी रह सकेंगे जवान

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: March 18, 2024 04:36 PM2024-03-18T16:36:59+5:302024-03-18T16:38:27+5:30

नए बंकरों में सौर और भू-तापीय ऊर्जा का उपयोग करके एयर कंडीशनिंग, सोने के लिए क्वार्टर और 100 से अधिक सैनिकों के लिए शून्य से 30 डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान का सामना करने के लिए पर्याप्त जगह होगी।

Construction of dozens of bunkers continues on the border with China Arunachal Pradesh | चीन से लगती सीमा पर दर्जनों बंकरों का निर्माण जारी, माइनस 30 डिग्री तापमान में भी रह सकेंगे जवान

(फाइल फोटो)

Highlightsभारतीय सेना चीन से लगती सीमा पर दर्जनों बंकरों का निर्माण कर रही हैप्रत्येक में कम से कम 120 सैनिक रहेंगे शून्य से 30 डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान का सामना करने के लिए पर्याप्त जगह होगी

नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश में सामरिक महत्व की सेला सुरंग बनाने के बाद अब भारतीय सेना चीन से लगती सीमा पर दर्जनों बंकरों का निर्माण कर रही है। प्रत्येक में कम से कम 120 सैनिक रहेंगे और उन्हें शून्य से कम तापमान पर भी युद्ध के लिए तैयार रखा जाएगा। लंबे समय से चीन से लगती सीमा पर तैनात भारतीय सैनिकों को अक्सर अत्यधिक ठंड और कठोर मौसम की स्थिति का सामना करना पड़ता है। इसलिए हाल ही में सैनिकों के लिए विशेष इन्सुलेटेड बंकरों को बनाने का काम जारी है। 

टीओआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक नए बंकरों में सौर और भू-तापीय ऊर्जा का उपयोग करके एयर कंडीशनिंग, सोने के लिए क्वार्टर और 100 से अधिक सैनिकों के लिए शून्य से 30 डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान का सामना करने के लिए पर्याप्त जगह होगी। दरअसल पहले अग्रिम पंक्ति के बंकर ज्यादातर लकड़ी या कंक्रीट के ढाँचे होते थे जो रेत की बोरियों से ढके होते थे। ये बंकर सैनिकों को कठोर जलवायु या दुश्मन से बहुत कम सुरक्षा प्रदान करते थे। 

बता दें कि भारत चीन के साथ 3,488 किमी लंबी विवादित सीमा साझा करता है। इसमें पूर्वी लद्दाख में 1,597 किमी, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 545 किमी, सिक्किम में 220 किमी और अरुणाचल प्रदेश में 1,126 किमी लंबी सीमा है। ये खास बंकर पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड बना रही है। गृह मंत्रालय (एमएचए) ने 2016 में आईटीबीपी जवानों के लिए पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया था। नेशनल प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनपीसीसी) ने परियोजना शुरू की और इसे पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड को दे दिया और उन्होंने 2019 में बंकरों का निर्माण पूरा कर लिया। एनपीसीसी अब डीआरडीओ विशेषज्ञों के परामर्श से और आईटीबीपी की सहमति के बाद कुछ डिजाइन सुधार उपाय लेकर आया है।

सेना ने एलएसी पर सैनिकों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए 3डी-प्रिंटेड बंकरों की भी योजना बनाई है। ये बंकर टी-90 जैसे एमबीटी से 100 मीटर की सीधी मार झेलने में सक्षम होंगे। पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्रों में उनका व्यापक परीक्षण हुआ है। सेना ने सीमा पर विशिष्ट उपयोग के लिए बुलेटप्रूफ बंकर, भूमिगत सर्वाइवल बंकर और मॉड्यूलर बंकर भी बनाए हैं। भारत सरकार अब क्षेत्र में सैनिकों की सुविधा के लिए सीमा पर अपनी सड़कों और बुनियादी ढांचे का लगातार निर्माण कर रही है।

Web Title: Construction of dozens of bunkers continues on the border with China Arunachal Pradesh

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