कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में खड़गे ने सत्ता में आने पर महिला आरक्षण तुरंत लागू करने का वादा किया, जाति जनगणना को अहम मुद्दा बताया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 9, 2023 11:51 AM2023-10-09T11:51:16+5:302023-10-09T11:52:31+5:30
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कार्य समिति की बैठक में कहा कि जाति जनगणना का मुद्दा अहम, लेकिन सरकार मौन है। खड़गे ने कहा कि 2024 में सत्ता में आने पर ओबीसी महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी तय करने के साथ ही हम महिला आरक्षण तुरंत लागू करेंगे।
नई दिल्ली: पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की सोमवार को बैठक हुई। इस बैठक में जाति आधारित गणना और राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना एवं मिजोरम के आगामी विधानसभा चुनावों के लिए चुनावी रणनीति और कुछ अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कार्य समिति की बैठक में कहा कि जाति जनगणना का मुद्दा अहम, लेकिन सरकार मौन है। खड़गे ने कहा कि 2024 में सत्ता में आने पर ओबीसी महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी तय करने के साथ ही हम महिला आरक्षण तुरंत लागू करेंगे। उन्होंने कहा कि आगामी चुनावों में राजनीतिक दलों के नेता ही नहीं, संवैधानिक पदों पर बैठे लोग भी सक्रिय हैं, वे हम लोगों पर सीधे हमले कर रहे हैं, मर्यादाएं टूट रही हैं, ऐसी स्थिति में हम मौन नहीं रह सकते। बीजेपी के मुकाबले के लिए बनाए गए विपक्षी गठबंधन की सराहना करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि तीन बैठकों के बाद विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ आगे बढ़ रहा है, प्रधानमंत्री के भाषणों से इस गठबंधन की शक्ति का असर साफ दिख रहा है।
बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू तथा पार्टी के कई वर्ष नेता शामिल हैं।
पार्टी की ओर से जाति जनगणना का पुरजोर समर्थन किए जाने के बीच, कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य एवं कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने राहुल गांधी के ‘जितनी आबादी, उतना हक’ नारे को लेकर हाल में चिंता जताई थी और तर्क दिया था कि यह बहुसंख्यकवाद को मंजूरी देने के समान है। सिंघवी की टिप्पणी से कांग्रेस के दूरी बनाने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर किये गये अपने इस पोस्ट को हटा दिया लेकिन जाति आधारित गणना के आह्वान के चलते पार्टी के एक हिस्से में चिंता बरकरार है क्योंकि यह राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दा है।
कांग्रेस ने भाजपा के हिंदुत्व एजेंडा का मुकाबला करने के लिए जाति आधाारित गणना पर जोर देने के वास्ते एक सैद्धांतिक रुख अपनाया है। बिहार में जाति आधारित गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद, कांग्रेस शासित राजस्थान ने भी जाति आधारित सर्वेक्षण कराने के लिए शनिवार को आदेश जारी किए। कांग्रेस छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सत्ता बरकरार रखने की कोशिश कर रही है और मध्य प्रदेश में भाजपा, तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) तथा मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट को सत्ता से बेदखल करने की उसे उम्मीद है। कार्य समिति की बैठक ऐसे वक्त हो रही है जब कुछ विपक्षी दलों के नेता केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं।
इस बीच, केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पर हमले तेज करते हुए कहा कि यह (कांग्रेस) कभी भी जाति आधारित गणना के पक्ष में नहीं रही है और (पूर्व प्रधानमंत्री) राजीव गांधी ने संसद में मंडल आयोग का विरोध किया था।