बंसवारा से बलिया तक “नदी अधिकार पदयात्रा” निकालेगी कांग्रेस

By भाषा | Updated: February 24, 2021 18:09 IST2021-02-24T18:09:57+5:302021-02-24T18:09:57+5:30

Congress to carry out 'River Rights Pad Yatra' from Banswara to Ballia | बंसवारा से बलिया तक “नदी अधिकार पदयात्रा” निकालेगी कांग्रेस

बंसवारा से बलिया तक “नदी अधिकार पदयात्रा” निकालेगी कांग्रेस

प्रयागराज, 24 फरवरी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा की हाल की बंसवार यात्रा के बाद उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ ने एक मार्च से प्रयागराज के बंसवार से बलिया के मांझीघाट तक नदी अधिकार पदयात्रा निकालने की तैयारी की है । कांग्रेस के एक नेता ने इसकी जानकारी दी ।

कांग्रेस नेता ने बताया कि एक मार्च से शुरू होने वाली यह पदयात्रा 20 मार्च तक चलेगी और इस 340 किलोमीटर लंबी यात्रा में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा भी शामिल होंगी।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष वीरेंद्र चौधरी ने यहां संवाददाताओं को बताया, “नदी, नाव और नाविक के अटूट रिश्ते को संरक्षित करने की मांग को लेकर इस नदी अधिकार पदयात्रा के दौरान नदी किनारे बसे करीब 1200 गांवों में निषाद समुदाय से बातचीत की जाएगी और उनकी आर्थिक-सामाजिक स्थिति का पता लगाया जाएगा।”

इस दौरान, अखिल भारतीय मछुवा समाज के राष्ट्रीय महासचिव तूफानी निषाद ने कहा, “निषाद समुदाय के लिए शिक्षा और रोजगार पर गंभीरता दिखाने के बजाय जिला प्रशासन ने हमारी रोजी रोटी पर हमला किया। इस यात्रा के जरिए हम गांव गांव जाकर निषाद परिवारों से संवाद करेंगे।”

उन्होंने बताया कि प्रतिदिन 15 किलोमीटर की पदयात्रा में 10 गांवों का भ्रमण किया जाएगा और किसी एक गांव में रात्रि प्रवास किया जाएगा। इस यात्रा में किसी दिन कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी शामिल होंगी और इस संबंध में तिथि की घोषणा बाद में की जाएगी।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों ने प्रदेश के कई जिलों जैसे चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर में नदियों में जेसीबी मशीनों से कथित तौर पर किए जा रहे बालू के अवैध खनन की तस्वीरें पेश की और कहा कि बालू पर पहला हक निषाद समाज का है क्योंकि बाढ़ जैसी विभीषका का सामना निषाद समाज ही करता है।

उल्लेखनीय है कि गत रविवार को प्रियंका गांधी वाद्रा ने जिले के यमुनापार बंसवार गांव का दौरा कर गांव में ही चौपाल लगाई थी और निषाद समाज के लोगों से बातचीत कर उनका दुख दर्द बांटा था। उन्होंने करीब डेढ़ किलोमीटर की पदयात्रा कर निषादों की टूटी नावें भी देखी थीं।

इससे पूर्व, चार फरवरी, 2021 को जिला प्रशासन और पुलिस ने बालू के अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए निषाद समाज के लोगों को कथित तौर पर पीटा था और उनकी नावें तोड़ दी थीं।

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Web Title: Congress to carry out 'River Rights Pad Yatra' from Banswara to Ballia

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