बिहार कांग्रेस में कलह तेज, टिकट बंटवारे में घोटाला, शक्ति सिंह गोहिल और प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा पर कार्रवाई की मांग
By एस पी सिन्हा | Published: December 14, 2020 06:41 PM2020-12-14T18:41:13+5:302020-12-14T18:51:05+5:30
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस में कलह तेज है. पटना में बैठक के दौरान नेताओं ने कहा कि चारों कार्यकारी अध्यक्ष पर सोनिया गांधी कार्रवाई करें.
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद कांग्रेस के अंदर अब सियासी घमासान बढ़ता दिख रहा है. चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी का कलह सतह पर आ गया है.
टिकट बंटवारे में घोटाले के आरोप लगाकर कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश अध्यक्ष सहित चारों कार्यकारी अध्यक्ष को जिम्मेदार ठहराते हुए इनपर कार्रवाई की मांग की है. चुनाव में उम्मीद के मुताबिक सीटें नहीं लाने के बाद लगातार बिहार कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल और प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा के खिलाफ विरोधी खेमे के नेता आवाज उठाते रहे, राष्ट्रीय नेतृत्व से बिहार के अंदर बड़ा सांगठनिक बदलाव करने की मांग करते रहे, लेकिन बिहार की तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दिया.
कांग्रेस के विक्षुब्ध नेताओं ने चुनाव में हुई पराजय के कारण और इसके निदान पर परिचर्चा आयोजित की. जिसमें कई प्रस्ताव पारित किए. बैठक की अध्यक्षता पूर्व विधायक जनार्दन शर्मा ने की. पार्टी प्रवक्ता प्रभात कुमार ने परिचर्चा में कहा कि 70 में 27 सीटें ऐसी रही, जिसमें गैर कांग्रेसी या बाहरी व्यक्ति को टिकट दिए गए.
घोटालेबाजों पर कार्रवाई होगी तभी कांग्रेस भविष्य में मजबूती से उभरेगी
राजकुमार राजन ने कहा कि टिकट बंटवारे के घोटालेबाजों पर कार्रवाई होगी तभी कांग्रेस भविष्य में मजबूती से उभरेगी. जबकि अजय सिंह टुन्ना ने कहा किसानों के आंदोलन, गिरती विधि-व्यवस्था के खिलाफ पंचायत स्तर पर आंदोलन करना चाहिए. वर्तमान नेतृत्व में ऐसा होना संभव नहीं दिखता.
जनार्दन शर्मा ने कहा कि कांग्रेस की पराजय के बाद 2019 में राहुल गांधी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उसी तर्ज पर लखीसराय जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रभात कुमार सिंह ने जिलाध्यक्ष पद से इस्तीफा कर दिया है. शर्मा ने मांग की कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और चारों कार्यकारी अध्यक्ष को भी हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपना इस्तीफा देना चाहिए. बैठक में राहुल गांधी अविलंब अध्यक्ष पद संभालने की मांग की गई.
इसतरह से अब बिहार में नेतृत्व परिवर्तन के लिए कांग्रेस के विरोधी खेमे के नेताओं ने गोलबंदी शुरू कर दी है. बिहार में चुनाव नतीजे सामने आने के बाद एक-एक कर कई बडे़ नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व और प्रभारी की कार्यशैली पर सवाल खडे़ किए हैं.
पुराने कांग्रेसी अनिल शर्मा, चंदन बागची और हरखू झा ने हार का ठीकरा प्रभारी और प्रदेश नेतृत्व की गलत नीतियों के ऊपर फोड़ा है. वहीं कुछ दिनों पहले तारीक अनवर भी प्रदेश के संगठन में बडे बदलाव की मांग कर चुके हैं. जबकि विधानसभा चुनाव के पहले निलंबन मुक्त किए गए शकील अहमद भी विरोधी खेमे का साथ दे रहे हैं.