मध्य प्रदेश: कांग्रेस के किसान नेताओं का छलका दर्द, टिकट के लिए तरसने वाले दे रहे हैं सरकार गिराने की धमकी
By राजेंद्र पाराशर | Published: June 16, 2019 05:40 AM2019-06-16T05:40:07+5:302019-06-16T05:40:07+5:30
मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से संगठन में उपेक्षित चल रहे किसान नेताओं की नाराजगी अब सामने आने लगी है. इन नेताओं को पद मिलने की उम्मीद तो थी, मगर अब तक सरकार ने उन्हें कोई पद नहीं दिया है. इसके चलते इनकी नाराजगी अब बढ़ने लगी है
मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद नेताओं की नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है. अब कांग्रेस के किसान नेताओं की नाराजगी सामने आई है, जिसमें किसान कांग्रेस के नेता विधायकों और वरिष्ठ नेताओं को निशाने पर ले रहे हैं. यहां तक की किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुर्जर भी संगठन के नेताओं से खफा नजर आ रहे हैं.
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से संगठन में उपेक्षित चल रहे किसान नेताओं की नाराजगी अब सामने आने लगी है. इन नेताओं को पद मिलने की उम्मीद तो थी, मगर अब तक सरकार ने उन्हें कोई पद नहीं दिया है. इसके चलते इनकी नाराजगी अब बढ़ने लगी है. आज राजधानी में किसानों और बिजली कटौती को लेकर भाजपा द्वारा किए जा रहे हमलों का जवाब देने के लिए इन नेताओं को आंदोलन करने और भाजपा को करारा जवाब देने के लिए आंदोलन की रणनीति बनाने बुलाया था. बैठक के दौरान किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुर्जर सहित अन्य नेताओं का दर्द बैठक में झलका. गुर्जर ने वरिष्ठ नेताओं और विधायकों पर जमकर भड़ास निकाली. उन्होंने कहा कि सरकार बनने के बाद सरकारी समितियों में विधायकों को तब्बजो दी जा रही है, किसान नेताओं सहित संगठन से जुड़े नेताओं की पूछ-परख तक नहीं हो रही है. विधानसभा चुनाव के पहले प्रदेश में निकाली किसान कलश यात्रा को लेकर भी खफा नजर आए. उन्होंने कहा कि एक भी वरिष्ठ नेता इस यात्रा में शामिल नहीं हुआ.
राजा, महाराजाओं की हो गई पार्टी
किसान नेता और रीवा जिले के अध्यक्ष सुरेन्द्र पाठक ने भी अपनी नाराजगी जताई और कहा कि पार्टी तो अब राजा, महाराजाओं की पार्टी हो गई है. टिकट का जब वितरण होता है तो कार्यकर्ता की पूछ -परख भी नहीं होती है. वे रीवा संसदीय क्षेत्र में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी से नाराज नजर आए. वहीं दिनेश गुर्जर ने कहा कि जो लोग चुनावों में टिकट के लिए तरशते थे, वे अब सरकार गिराने की धमकी दे रहे हैं. ऐसे लोगों को संगठन और सरकार दोनों ही महत्व भी दे रहे हैं.