हिमाचल विधानसभा में कांग्रेस का बहिर्गमन : मुख्यमंत्री ने कहा, राज्यपाल से धक्का-मुक्की अक्षम्य
By भाषा | Published: March 2, 2021 05:30 PM2021-03-02T17:30:26+5:302021-03-02T17:30:26+5:30
शिमला, दो मार्च कांग्रेस ने मंगलवार को अपने पांच विधायकों के निलंबन को रद्द करने की मांग को लेकर हिमाचल प्रदेश विधानसभा से वॉकआउट किया, जिसका मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विरोध किया। ठाकुर ने कहा कि राज्यपाल के साथ धक्का-मुक्की करना एक अक्षम्य अपराध है।
गौरतलब है कि राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से कथित रूप से धक्का-मुक्की करने के लिए विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री और चार अन्य कांग्रेस विधायकों हर्षवर्धन चौहान, सतपाल रायजादा, सुंदर सिंह और विनय कुमार को शुक्रवार को 20 मार्च तक विधानसभा के पूरे बजट सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया।
विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय के बाहर कथित घटना तब हुई थी, जब राज्यपाल बजट सत्र के पहले दिन सदन में अपना अभिभाषण देने के बाद राजभवन के लिए रवाना हो रहे थे। सत्र के पहले दिन हुए हंगामे के बाद राज्यपाल ने अपने भाषण को को पूरा नहीं पढ़ा था और उनका शेष भाषण पढ़ा हुआ मान लिया गया।
अध्यक्ष विपिन परमार ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी।
कांग्रेस विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में एक ध्यान आकर्षण प्रस्ताव पेश किया, जिसमें मांग की गई कि उनकी पार्टी के विधायकों का निलंबन रद्द किया जाए।
उन्होंने अपनी पार्टी के विधायकों पर लगे आरोपों से भी इनकार किया और दावा किया कि सदन के उपाध्यक्ष हंसराज और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने शुक्रवार को कांग्रेस विधायकों के साथ हाथापाई की थी।
उन्होंने कहा कि अगर उनका निलंबन रद्द नहीं किया जाता है, तो सदन की कार्यवाही चलने नहीं दी जाएगी।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राज्यपाल के साथ धक्का-मुक्की करना एक अक्षम्य अपराध है और असहनीय घटना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। पूरे प्रकरण को कई कैमरों द्वारा कैद किया गया है।
ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ऐसी हरकतें इसलिए कर रही है कि क्योंकि वह राजनीतिक आधार खो चुकी है।
इस बीच, निलंबित कांग्रेस विधायकों ने अपने विरूद्ध दर्ज प्राथमिकी के खिलाफ लगातार दूसरे दिन विधानसभा के बाहर धरना जारी रखा।
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