"कांग्रेस भगवान राम से दूरी बनाए रखती है",सैम पित्रोदा का बयान हैरानी भरा है", विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: December 28, 2023 07:18 AM2023-12-28T07:18:02+5:302023-12-28T07:24:10+5:30
विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार ने कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा द्वारा राम मंदिर पर की गई उनकी टिप्पणी को लेकर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि उनके कथन से स्पष्ट है कि कांग्रेस भगवान राम से दूरी बनाकर रखती है।
नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार ने कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा द्वारा राम मंदिर पर की गई उनकी टिप्पणी को लेकर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि उनके कथन से स्पष्ट है कि कांग्रेस भगवान राम से दूरी बनाकर रखती है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार विहिप प्रमुख आलोक कुमार ने कहा, "सैम पित्रोदा का बयान कि वह अयोध्या में राम मंदिर को लेकर देश भर में हो रहे जश्न से परेशान हैं, मैं इससे आश्चर्यचकित हूं। ऐसे कार्यक्रम सभी समुदाय द्वारा किए जाते हैं। इसके लिए तो हम सरकार से भी पैसा नहीं स्वीकार कर रहे हैं। उनके कथन से साफ है कि भगवान राम से कांग्रेस हमेशा दूरी बनाए रखती है।''
दरअसल सैम पित्रोदा ने अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक की तैयारियों के बीच सवाल उठाया था कि क्या देश के लिए राम मंदिर ही असली मुद्दा है या फिर बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दे भी हैं?"
कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने कहा था, "मुझे किसी भी धर्म से कोई दिक्कत नहीं है। कभी-कभार मंदिर जाना ठीक है, लेकिन आप उसे मुख्य मंच नहीं बना सकते। 40 फीसदी लोग बीजेपी को वोट देते हैं और 60 फीसदी लोग भाजपा को वोट नहीं देते हैं। लेकिन फिर भी मोदी जी सबके प्रधानमंत्री हैं, वह किसी पार्टी के प्रधानमंत्री नहीं हैं। यही संदेश भारत के लोग उनसे चाहते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "पीएम मोदी रोजगार के बारे में बात करें, मुद्रास्फीति के बारे में बात करें, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और चुनौतियों के बारे में बात करें। उन्हें तय करना होगा कि असली मुद्दे क्या हैं, क्या राम मंदिर असली मुद्दा है? या बेरोजगारी असली मुद्दा है। क्या राम मंदिर असली मुद्दा है या महंगाई असली मुद्दा है?"
सैम पित्रोदा के इस बयान का केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने भी कड़ी निंदा की।
मीनाक्षी लेखी ने कहा, "ये वे लोग हैं, जिनके लिए भगवान राम केवल एक काल्पनिक चरित्र थे। मैं केवल इतना कह सकता हूं कि सैम पित्रोदा जैसे लोग इस देश और इस देश के लोकाचार और मूल्यों से कटे हुए हैं। अगर वे जुड़े होते, तो उन्हें पता होता कि रामायण क्या है उन्होंने हमें सिखाया, वे राम राज्य की अवधारणा को समझ गए होंगे।"