Jhalawar: फर्जी दस्तावेज के जरिए जमीन कब्जा के मामले में कांग्रेस नेता गिरफ्तार, 2019 में लड़ा था चुनाव
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 2, 2025 09:46 IST2025-12-02T09:45:53+5:302025-12-02T09:46:20+5:30
Congress Leader Pramod Sharma Arrested: झालावाड़ में ज़मीन के मालिकाना हक़ का दावा करने के लिए कथित तौर पर जाली दस्तावेज़ बनाने के आरोप में पूर्व कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद शर्मा और उनके दो साथियों को गिरफ़्तार किया गया है। फोरेंसिक रिपोर्ट में जालसाज़ी की पुष्टि होने के बाद यह अवैध गतिविधि सामने आई। शर्मा, जिन पर पहले भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, अभी भी जाँच के दायरे में हैं।

Jhalawar: फर्जी दस्तावेज के जरिए जमीन कब्जा के मामले में कांग्रेस नेता गिरफ्तार, 2019 में लड़ा था चुनाव
Congress Leader Pramod Sharma Arrested: झालावाड़-बारां लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पूर्व उम्मीदवार प्रमोद शर्मा को उनके दो सहयोगियों के साथ झालावाड़ शहर में एक कीमती भूमि के स्वामित्व के दस्तावेजों में कथित जालसाजी से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। फोरेंसिक जांच में दस्तावेजों में जालसाजी की पुष्टि होने के बाद, सोमवार सुबह शर्मा को उनके घर से हिरासत में लिया गया। झालावाड़ निवासी शर्मा ने 2019 के आम चुनावों में कांग्रेस के टिकट पर झालावाड़-बारां सीट से दुष्यंत सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा था और उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
झालावाड़ के पुलिस अधीक्षक अमित कुमार के अनुसार, स्थानीय निवासी महेश डागा द्वारा मार्च 2024 में दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर प्रमोद शर्मा और उनके दो सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
शिकायतकर्ता के अनुसार, आरोपियों ने झालावाड़ में घड़िया महादेव मंदिर के पास 540 वर्ग फुट के एक प्रमुख भूखंड पर स्वामित्व का अवैध रूप से दावा करने के लिए कथित तौर पर जाली दस्तावेज बनाए। पुलिस ने बताया कि शर्मा के खिलाफ पहले भी भारतीय दंड संहिता और एससी/एसटी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कई आपराधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जिनमें से कुछ मामलों की अब भी जांच जारी है।
झालावाड़ के पुलिस उपाधीक्षक हर्षराज सिंह ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद शर्मा ने बेचैनी महसूस होने और सेहत बिगड़ने की शिकायत की जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस बीच, उसके सहयोगियों ललित और महेंद्र को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें पूछताछ के लिए एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।