हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक तंवर ने रविदास मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर की है। बता दें कि को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 10 अगस्त को दिल्ली विकास प्राधिकरण ने गिरा दिया था।
उधर, लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव ने दिल्ली के तुगलकाबाद में प्रशासन द्वारा संत रविदास का मंदिर तोड़े जाने का 'विरोध' करते हुए केन्द्र सरकार से कहा कि इस संबंध में वह सुप्रीम कोर्ट से उसके फैसले की समीक्षा करने के लिए कहे।
यादव ने कहा 'मैं दिल्ली के तुगलकाबाद रोड पर करीब 500 साल पुराने संत रविदास के एक मंदिर को प्रशासन द्वारा तोड़े जाने के विरोध में खड़ा हूँ।' देश में जगह-जगह हो रहे प्रदर्शन दर्शाते हैं कि दलित वर्ग इससे कितना आहत हुआ है। यह मंदिर तोड़े जाने का फैसला कोर्ट के एक आदेश के बाद किया गया था। इसमें भारत सरकार को अपील करनी चाहिए थी कि इसको न गिराया जाये क्योंकि इससे दलितों की श्रद्धा जुडी हुई है। मगर सरकार ने ऐसा नहीं किया जो दुर्भाग्यपूर्ण है।'
भीम आर्मी की धमकी
भीम आर्मी ने शुक्रवार को धमकी दी कि रविदास मंदिर का मुद्दा अगर 10 दिनों के अंदर नहीं सुलझा तो देशव्यापी बंद का आह्वान किया जाएगा। संगठन ने कहना है कि उसके समर्थक 25 अगस्त को 'अंतरराष्ट्रीय धिक्कार दिवस' के रूप में मनाएंगे और अपने नेता चंद्रशेखर आज़ाद तथा 95 अन्य के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के विरोध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले जलाएंगे।
भीम आर्मी के राष्ट्रीय महासचिव कमल सिंह वालिया ने कहा, 'अगर 10 दिनों के अंदर गुरु रविदास मंदिर का निर्माण नहीं किया जाता है, तो हम भारत बंद का आह्वान करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि आजाद उस समय तक जमानत की मांग नहीं करेंगे जबतक उनके साथ गिरफ्तार अन्य लोगों को रिहा नहीं किया जाता। आजाद और 95 अन्य लोगों को दंगा और गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था तथा उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
भीम आर्मी ने आजाद और अन्य प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी पर अपना पक्ष रखने के लिए शुक्रवार को महिला प्रेस क्लब (आईडब्ल्यूपीसी) में एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया था लेकिन आईडब्ल्यूपीसी ने इसे रद्द कर दिया। आईडब्ल्यूपीसी ने एक ईमेल में कहा कि हम यहां धार्मिक या राजनीतिक समारोहों या कार्यक्रमों की अनुमति नहीं देते हैं। एक आईडब्ल्यूपीसी प्रतिनिधि ने कहा, 'हम धार्मिक या राजनीतिक कार्यों की अनुमति नहीं देते हैं। उनकी तरफ से गलतफहमी थी।'