गुवाहाटी में सीएए विरोधी प्रदर्शन में मारे गये पहले व्यक्ति के परिवार से कांग्रेस को मिला ‘गमोसा’

By भाषा | Published: February 19, 2021 08:43 PM2021-02-19T20:43:14+5:302021-02-19T20:43:14+5:30

Congress gets 'Gomosa' from the family of the first person killed in anti-CAA protest in Guwahati | गुवाहाटी में सीएए विरोधी प्रदर्शन में मारे गये पहले व्यक्ति के परिवार से कांग्रेस को मिला ‘गमोसा’

गुवाहाटी में सीएए विरोधी प्रदर्शन में मारे गये पहले व्यक्ति के परिवार से कांग्रेस को मिला ‘गमोसा’

गुवाहाटी, 19 फरवरी संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) विरोधी प्रदर्शनों के दौरान यहां पुलिस की कथित गोलीबारी में मारे गये पहले व्यक्ति सैम स्टेफर्ड के परिवार ने ‘‘शहीद स्मारक’’ पर लगाने के लिए शुक्रवार को कांग्रेस को पहला गमोसा (गमछा) दिया।

कांग्रेस ने 50 लाख ‘गमोसा’ एकत्र करने के लिए एक अभियान शुरू किया है। लाल और सफेद रंग के धागों से बुना यह कपड़ा असम में सम्मान का प्रतीक माना जाता है। राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव में जीतने पर कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद शहर में बनाये जाने वाले शहीद स्मारक पर इसे लगाया जाएगा।

सैम की मां मामोनी स्टेफर्ड ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रकीबुल हुसैन को पहला गमोसा सौंपा और अपने बेटे के लिए न्याय की मांग की।

गौरतलब है कि दिसंबर 2019 में असम में सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान पुलिस की कथित गोलीबारी में उनका 17 वर्षीय बेटा सैम घायल हो गया था और बाद में उसकी मौत हो गई थी।

मामोनी ने कहा, ‘‘मेरा बेटा ना तो आतंकवादी था, ना ही कोई उपद्रवी था। उन्हें (पुलिस को) मेरे बेकसूर बेटे की जान लेने की इजाजत किसने दी? मैं उसके लिए न्याय की मांगती हूं। ’’

सीएए के खिलाफ समूचे राज्य में हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान पांच लोग मारे गये थे।

शिक्षाविद एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व कार्यकर्ता मुकुल चंद्र सैकिया ने सीएए वापस लेने की मांग की और हुसैन को एक गमोसा दिया, जिस पर उनके (सैकिया) के हस्ताक्षर थे और टिप्पणी थी।

सामाजिक कार्यकर्ता राजीव हांडिक और बिजित हांडिक ने भी अपने हस्ताक्षर वाले गमोसा कांग्रेस विधायक दल के नेता देवव्रत सैकिका को तिनसुकिया में दिया। इस पर सीएए विरोधी संदेश लिखे थे।

सामाजिक कार्यकर्ता सुशांत दत्ता और बिनिता होरे ने भी गमोसा दिया। वे दोनों हिंदू बंगाली परिवार से हैं।

दत्ता ने गमोसा पर लिखा, ‘‘मैं बंगाली हिंदू हूं और मैं नहीं चाहता कि सीएए लागू हो। ’’

कांग्रेस प्रवक्ता बबिता शर्मा ने कहा कि पार्टी को अपने इस अभियान में अपार जन समर्थन मिल रहा है। महिला, कॉलेज के छात्र-छात्राएं, उद्यमी , बुजुर्ग, निजी क्षेत्र के कर्मचारी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को अपने हस्ताक्षर वाले गमोसा दे रहे हैं।

इस बीच, कांग्रेस के छह वरिष्ठ नेताओं ने सीएए पर भाजपा से छह सवाल पूछे हैं। उन्होंने भगवा पार्टी से इसपर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है।

असम प्रदेश कांग्रेस प्रमुख रिपुन बोरा ने भाजपा से पूछा कि क्या सीएए असम के हित में है? वहीं, कांग्रेस (चुनाव) प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष प्रद्युत बोरदोलोई ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या सीएए पूरे देश में लागू किया जाएगा, या इसे सिर्फ बंगाल में लागू किया जाएगा, जहां भाजपा अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर इसे लागू करने का वादा कर रही है।

कांग्रेस घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष गौरव गोगोई ने सवाल किया कि क्या भाजपा को ऐसा लगता है कि सीएए असम के लोगों के हित में है।

कांग्रेस के लोकसभा सदस्य अब्दुल खलीक ने सवाल किया कि क्या भाजपा को लगता है कि सीएए असम समझौते के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं करता है।

राज्य की 126 सदस्यीय विधानसभा के लिए मार्च-अप्रैल में चुनाव होने की संभावना है।

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