पंजाब में कांग्रेस का संकट गहराया, अमरिंदर-शाह की मुलाकात के बाद अटकलों का दौर जारी

By भाषा | Updated: September 29, 2021 22:57 IST2021-09-29T22:57:43+5:302021-09-29T22:57:43+5:30

Congress crisis deepens in Punjab, speculation continues after Amarinder-Shah meeting | पंजाब में कांग्रेस का संकट गहराया, अमरिंदर-शाह की मुलाकात के बाद अटकलों का दौर जारी

पंजाब में कांग्रेस का संकट गहराया, अमरिंदर-शाह की मुलाकात के बाद अटकलों का दौर जारी

चंडीगढ़/नयी दिल्ली, 29 सितंबर कांग्रेस में खुद को ''अपमानित'' महसूस किए जाने का दावा करके हाल में पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले अमरिंदर सिंह ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस मुलाकात के साथ ही सिंह की योजनाओं को लेकर सियासी अटकलें तेज हो गई हैं। वहीं, कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद गहराते संकट से निपटने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू को मनाने की कवायद जारी रही।

पंजाब में प्रदेश स्तर के नेताओं द्वारा सिद्धू को मनाने के प्रयास उस समय कामयाब होते नहीं दिखे, जब सिद्धू ने एक वीडियो जारी कर स्पष्ट किया कि वह अपने सिद्धांतों से समझौता करने वाले नहीं हैं।

नवजोत सिंह सिद्धू ने बुधवार को पुलिस महानिदेशक, राज्य के महाधिवक्ता और ‘‘दागी’ नेताओं की नियुक्तियों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि वह किसी भी तरह की कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं लेकिन अपने सिद्धांतों पर हमेशा डटे रहेंगे।

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने नाराज चल रहे नवजोत सिंह सिद्धू से बुधवार को टेलीफोन पर बातचीत की और मुद्दों को सुलझाने के लिए वार्ता की पेशकश की। सिद्धू को मनाने के लिए मंत्रियों परगट सिंह, अमरिंदर सिंह राजा सहित कई नेताओं ने पटियाला में उनके आवास पर उनसे मुलाकात की।

चन्नी ने सिद्धू से पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करने का आग्रह किया। चन्नी ने यह भी कहा कि पार्टी सर्वोपरि है और सरकार पार्टी की विचारधारा का अनुसरण करती है।

सिद्धू ने बुधवार को ट्विटर पर चार मिनट का एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, ‘‘हक़-सच की लड़ाई आखिरी दम तक लड़ता रहूंगा …।’’

सिद्धू ने वीडियो में कहा, ‘‘ मेरे प्यारे पंजाबियों, मेरे 17 साल के राजनीतिक सफर का उद्देश्य केवल....पंजाब के लोगों के जीवन को बेहतर बनाना, बदलाव लाना और मुद्दों की राजनीति पर आवाज उठाना रहा है। यही मेरा 'धर्म' और मेरा कर्तव्य रहा है। आज तक मेरी किसी से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है, न ही मैंने कोई व्यक्तिगत लड़ाई लड़ी है। मेरी लड़ाई मुद्दों और पंजाब समर्थक एजेंडे पर रही है, जिसके लिए मैं लंबे समय से आवाज उठाता रहा हूं।’’

सिद्धू ने कहा, ‘‘ मेरे पिता ने एक बार मुझसे कहा था कि जब कभी भी भ्रम हो, हमेशा नैतिक मूल्यों से समझौता किए बिना सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए।’’

वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी इकबाल प्रीत सिंह सहोता को पंजाब पुलिस के महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। सहोता का स्पष्ट तौर पर जिक्र करते हुए, सिद्धू ने कहा, ‘‘ आज मैंने देखा कि उन मुद्दों पर समझौता हो रहा है।’’

सहोता फरीदकोट में गुरु ग्रन्थ साहिब की बेअदबी की घटनाओं की जांच के लिए तत्कालीन अकाली सरकार द्वारा 2015 में गठित एक विशेष जांच दल के प्रमुख थे। सिद्धू ने कहा, ‘‘ जिन्होंने छह साल पहले बादल को क्लीन चिट दी थी...ऐसे लोगों को न्याय दिलाने की जिम्मेदारी दी गई है....।’’

सिद्धू ने एपीएस देओल की राज्य के नए महाधिवक्ता के रूप में नियुक्ति पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, ‘‘ मेरी आत्मा कांप उठती है, जब मैं देखता हूं कि जिन लोगों ने ‘पक्की जमानत’ दिलाई है, वे महाधिवक्ता बनाए गए हैं। यह क्या एजेंडा है ?’’

देओल पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं और पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी के वकील रह चुके हैं। वह पूर्व शीर्ष पुलिस अधिकारी का उनके खिलाफ कई मामलों में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

सिद्धू ने कहा, ‘‘ जो लोग मुद्दों की बात करते थे, वे मुद्दे अब कहां हैं?... क्या हम इन माध्यमों से अपनी मंजिल तक पहुंचेंगे। 'गुरु साहिब' के न्याय के लिए लड़ने और पंजाब के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए.....मैं कोई भी बलिदान दूंगा लेकिन हमेशा सिद्धांतों पर डटा रहूंगा।’’

उन्होंने कहा कि ‘‘दागी’’ नेताओं और अधिकारियों वाली व्यवस्था हटाए जाने के बाद वापस लाई जा रही है और ‘‘ मैं इसका विरोध करता हूं।’’

इस बीच, पंजाब के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि पंजाब सरकार को ‘तमाशा’ बना दिया गया है और उन्होंने नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से अपने मंत्रिमंडल से ‘दागी’ मंत्रियों को तुरंत हटाने का आग्रह किया।

उधर, नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे से जुड़े घटनाक्रम को लेकर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व नाराज है। हालांकि अभी सिद्धू के त्यागपत्र पर कोई फैसला नहीं हुआ है। पार्टी से जुड़े सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। दूसरी तरफ, पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने इस पूरे घटनाक्रम पर टिप्पणी करने से इनकार किया और सिर्फ यह कहा कि इस मामले पर पार्टी के प्रदेश प्रभारी हरीश रावत जवाब देंगे।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पार्टी की पंजाब इकाई में मचे घमासान और कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को लेकर बुधवार को पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए और कहा कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक बुलाकर इस स्थिति पर चर्चा होनी चाहिए तथा संगठनात्मक चुनाव कराये जाने चाहिए।

उन्होंने कई नेताओं के पार्टी छोड़ने का उल्लेख करते हुए गांधी परिवार पर इशारों-इशारों में कटाक्ष किया कि ‘‘जो लोग इनके खासमखास थे वो छोड़कर चले गए, लेकिन जिन्हें वे खासमखास नहीं मानते वे आज भी इनके साथ खड़े हैं।’’

सिब्बल ने जोर देकर कहा, ‘‘हम ‘जी हुजूर 23’ नहीं हैं। हम अपनी बात रखते रहेंगे।’’

वहीं, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की, जिसके बाद राजनीति में सिंह के भविष्य को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। हालांकि, अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने गृह मंत्री से अनुरोध किया है कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करके और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देकर पिछले 10 महीनों से चल रहे किसानों के आंदोलन के मुद्दे का समाधान किया जाए।

वैसे, यह बैठक इस मायने में भी महत्वपूर्ण है कि मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद सिंह ने अपने पत्ते नहीं खोले थे, लेकिन दावा किया था कि उन्होंने राजनीति नहीं छोड़ी है और वह अंत तक लड़ेंगे।

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Web Title: Congress crisis deepens in Punjab, speculation continues after Amarinder-Shah meeting

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