कांग्रेस का दावा- कमलनाथ सरकार में शुरू की गई योजना का फीता काटने आ रहे हैं मोदी, भाजपा ने कहा- महाकाल को तो बख्श देते
By मुकेश मिश्रा | Published: October 11, 2022 03:56 PM2022-10-11T15:56:48+5:302022-10-11T16:04:12+5:30
कांग्रेस ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के विकास, राम वन गमन पथ के निर्माण के साथ ही पुजारियों के मानदेय में भी 3 गुना तक की अभूतपूर्व वृद्धि की थी।
इंदौरः महाकाल मंदिर के विस्तार और विकास योजना के तहत पहले चरण में निर्मित महाकाल लोक के लोकार्पण के लिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उज्जैन पधार रहे है। वही कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि उनकी सरकार ने यह काम शुरू किया था लेकिन शिवराज सिंह झूठी वाहवाही लूट रहे है। हालांकि सत्तारूढ़ भाजपा ने इस दावे को खारिज कर दिया है।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता और मीडिया सेल के प्रभारी संतोष गौतम ने कहा कि कमलनाथ जी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद इस बात का फैसला लिया कि दुनिया भर के सनातनधर्मियों की श्रद्धा के केंद्र उज्जैन स्थित भगवान महाकाल के पावन ज्योतिर्लिंग मंदिर के विकास और विस्तार के लिए एक समग्र योजना बनाई जानी चाहिए।
संतोष गौतम ने कहा, कमलनाथ जी के इसी दृढ़ संकल्प को मूर्त रूप देने के लिए अगस्त 2019 में कांग्रेस सरकार के मंत्रिमंडल ने महाकाल मंदिर विकास और विस्तार हेतु 300 करोड़ रुपए की योजना बनाई, जिसका विस्तृत ब्यौरा महाकाल मंदिर के पुजारियों के समक्ष भी रखा गया।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि इस योजना को दो चरणों में विभाजित कर इसमें फ्रंटियर यार्ड, नंदी हॉल का विस्तार, महाकाल थीम पार्क, महाकाल कॉरिडोर, महाराज बाड़ा कॉम्प्लेक्स, कुंभ संग्रहालय, अन्न क्षेत्र, धर्मशाला, रुद्रसागर की लैंडस्केपिंग, रामघाट मार्ग के सौंदर्यीकरण एवं अन्य सुविधाओं का निर्माण व विस्तार भी प्रस्तावित किया गया।
केवल यही नहीं कमलनाथ सरकार ने ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के विकास, राम वन गमन पथ के निर्माण के साथ ही पुजारियों के मानदेय में भी 3 गुना तक की अभूतपूर्व वृद्धि की थी। इस सबके बावजूद जनमत के विरुद्ध प्रदेश की सत्ता पर बलात् काबिज भाजपा की शिवराज सरकार यदि कांग्रेस पार्टी और कमलनाथ सरकार के योगदान को अनदेखा कर, खुद ही सारा श्रेय लेने की कोशिश कर रही है तो यह न केवल प्रदेश की जनता और सनातन धर्म के करोड़ों धर्मावलंबियों बल्कि हम सब की आस्था के केंद्र भगवान महाकाल को भी धोखा देने का अपवित्र, असफल और निंदनीय प्रयास ही माना जाएगा।
कांग्रेस ने कहा कि प्रदेश की जनता और भगवान महाकाल दोनों ही इस बात के साक्षी हैं कि वर्ष 2003 में बनी भाजपा सरकार 2018 तक प्रदेश में जंगलराज चलाती रही। खनिज और रेत जैसे प्राकृतिक संसाधनों की लूट करती रही। व्यापमं, ई-टेंडरिंग, डंपर और सिंहस्थ जैसे अनेकों घोटालों का काला अध्याय लिखती रही। सरकार प्रायोजित इन घोटालों के आरोपियों की "अप्रत्यक्ष फंडिंग" कर, उन्हें पोषित और पल्लवित करती रही लेकिन अपने 15 वर्षों के लंबे कार्यकाल में उसने राम वन गमन पथ, ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर के लिए किसी योजना या फंडिंग की कभी चर्चा तक नहीं की।
कांग्रेस के दावों का खारिज करते हुए प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को मीडिया से कहा, ‘‘कमलनाथ जी को झूठ बोलने का शगल है। कमलनाथ जी से प्रार्थना है कि कम से कम भगवान भोलेनाथ को, महाकाल को तो बख्श देते।’’ उन्होंने कहा कि महाकाल मंदिर के विकास का प्रस्ताव 2017 में तैयार किया गया था और इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में एक साल में तैयार की गई थी।