भोपाल, 24 मईः आगामी लोकसभा चुनाव के लिए जहां सभी राजनीतिक पार्टियां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को हराने के लिए एकजुट हो रही हैं वहीं इस साल मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस गठबंधन कर सकती है। इसको लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने संकेत दे दिए हैं। उन्होंने कहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर ही ये समझौते किए जाएंगे।
उन्होंने आगे कहा कि अभी हमने चर्चा शुरू नहीं की है। मैं सबकी राय ले रहा था। क्या किया जाए, किस तरह का समझौता किया जाये। 2014 में बीजेपी को 31 फीसदी वोट मिले थे। 69 उनके खिलाफ थे। फिर भी वो इसे जनादेश कहते हैं। हम नहीं चाहते कि वोट विभाजन हो। इसके लिए चर्चाए शुरू हो रही हैं।
उन्होंने कहा, ;कहीं राष्ट्रीय लेवल पर कहीं राज्य लेवल पर। हर राज्य में अलग हालात हैं। अब एक नये रूप से 2019 को सामने रखते हुए हम प्रदेश में भी उनके साथ चर्चा शुरू करेंगे। हम जानकारी ले रहे हैं कहां ये जरूरी है। ऐसा ना हो कि हम भी आ जायें वो भी आ जायें। केवल हम जीते वो आंकड़े इकट्ठा कर रहे हैंय किस तरह का समझौता करें। क्या सीटों का क्या प्रत्याशी का। ये तरह तरह के समझौते होते हैं।'
गौरतलब है कि यूपी में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी और बसपा को मात देने के लिए सपा-कांग्रेस एक साथ आ गए थे। उस दौरान प्रदेश में चुनाव प्रचार की कमान अखिलेश यादव और राहुल गांधी ने संभाली थी। वे अपने गठबंधन के 'प्रगति के 10 कदम' प्रतिबद्ध हैं हम' संकल्प पत्र के साथ आए थे। इस संकल्प पत्र के जरिए कहा गया था कि अगर कांग्रेस और सपा की सरकार बनती है तो 10 फैसलों पर प्राथमिकता के साथ काम किया जाएगा, जिसमें फ्री स्मार्ट फोन, 20 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण, किसानों को फसली राहत, सस्ती बिजली, एक करोड़ गरीब परिवारों को एक हजार रुपये मासिक पेंशन, शहरी गरीबों को एक वक्त नि:शुल्क भोजन, दलित एवं पिछड़े वर्ग के 10 लाख लोगों को नि:शुल्क आवास, तेज और असरदार कार्रवाई के लिये पुलिस का आधुनिकीकरण इत्यादि कार्य शामिल था।लोकमत न्यूज के लेटेस्ट यूट्यूब वीडियो और स्पेशल पैकेज के लिए यहाँ क्लिक कर सब्सक्राइब करें!