कांग्रेस ने बीजेपी से किए सवाल, कहा- सोशल मीडिया पर नजर रखने को सरकार खरीद रही 42 करोड़ का सॉफ्टवेयर
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: June 2, 2018 10:31 AM2018-06-02T10:31:49+5:302018-06-02T10:31:49+5:30
मोदी सरकार सोशल मीडिया और ई-मेल से होने वाली बातचीत पर नजर रखने के लिए ‘न्यू मीडिया कमांड रूम’ बनाने की तैयारी में जुटी है।
नई दिल्ली, 2 जून: मोदी सरकार सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव देखी जाती है। ऐसे में अब मोदी सरकार सोशल मीडिया और ई-मेल से होने वाली बातचीत पर नजर रखने के लिए ‘न्यू मीडिया कमांड रूम’ बनाने की तैयारी में जुटी है। खबर के मुताबिक इसके लिए अप्रैल में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने टेंडर भी निकाला था।
यह भी पढ़ें: विपक्षी एकता BJP के लिए खतरे की घंटी, 2019 लोकसभा चुनाव जीतना हो सकता है ख्वाब
ऐसे में इस पर कांग्रेस ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य अभिषेक मनु सिंघवी ने इस पर तीखा वार करते हुए कहा कि मोदी सरकार सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए 42 करोड़ रुपये का सॉफ्टवेयर खरीद रही है। इतना ही नहीं उन्होंने बीजेपी के इस कदम पर आरोप लगाते हुए कहा है कि इस तरीके से सरकार लोगों की निजी जिंदगी में घुसने की कोशिश में जुटी है।
सिंघवी ने सवाल उठाते हुए पूछा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और ई-मेल के जरिये लोगों की निजी जानकारी हासिल करने के लिए सॉफ्टवेयर खरीदने से पहले निजता को लेकर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ द्वारा दिए गए फैसले पर विचार किया गया था या नहीं। ट्रेंडर निकाले जाने पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए ट्रेंडर की क्या आवश्यकता था और यह स्पष्ट क्यों नहीं किया गया कि यूजर का डेटा इनक्रिप्टेड ही रहेगा। इतना ही नहीं सिंघवी ने पूछा कि निविदा आमंत्रित करने से पहले क्या सभी संबंधित पक्षकारों से विचार-विमर्श किया गया था।
यह भी पढ़ें : मोदी राज में रक्षा मंत्रालय के अफसरों ने लिया 17.55 करोड़ घूस? यूक्रेन का एंटी-करप्शन ब्यूरो कर रहा है जाँच
सवाल करते हुए उन्होंने पूछा कि बातचीत को आर्काइव करने के लिए डेटा सुरक्षा की क्या व्यवस्था की गई है? दरअसल समाचार एजेंसी ‘ब्लूमबर्ग’ के अनुसार ने इस बात को पेश किया है कि जल्द ही सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए मोदी सरकार न्यू मीडिया कमांड रूम बनाने की तैयारी में है। इसके लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से 25 अप्रैल को ऑनलाइन निविदा आमंत्रित की गई थी। इसके बाद से मोदी सरकार के इस कदम को लेकर कई तरह की टिप्पणियां की जा रही हैं। कांग्रेस के सवालों पर अभी चक बीजेपी की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।