महाराष्ट्रः गवर्नर से मिलकर भाजपा नेता बोले नहीं बनाएंगे अल्पमत की सरकार, शिवसेना को सता रहा फूट का डर
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 8, 2019 08:00 AM2019-11-08T08:00:53+5:302019-11-08T08:00:53+5:30
गुरुवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 'मातोश्री' में बैठक के बाद पार्टी विधायकों को होटल में शिफ्ट करने का आदेश दिया.
महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर पेंच उलझता हुआ नजर आ रहा है. भाजपा और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद और 50-50 के फॉर्मूले पर तकरार अब दरार में तब्दील हो गई है. सरकार बनाने की डेडलाइन खत्म होने के कुछ घंटों पहले गुरुवार को राज्य में राजनीतिक हलचल चरम पर रही. शिवसेना ने जहां भाजपा को चुनौती दी कि वह सरकार बनाकर दिखाए वहीं भाजपा ने साफ किया कि वह अल्पमत की सरकार नहीं बनाएगी. अब राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की भूमिका अहम हो गई है.
गुरुवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 'मातोश्री' में बैठक के बाद पार्टी विधायकों को होटल में शिफ्ट करने का आदेश दिया. सूत्रों के अनुसार पार्टी को फूट का डर सता रहा है. उसके विधायकों की खरीद-फरोख्त की जा सकती है. उधर, भाजपा नेताओं ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने में हो रही देरी से अवगत कराया. हालांकि पार्टी ने उम्मीद जताई है कि मामला सुलझ जाएगा और युति राज्य में सरकार बनाएगी. केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने भी साफ किया कि सूबे में गठबंधन की ही सरकार बनेगी.
राज्यपाल से मिलने के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल और वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने पत्रकारों से कहा कि राज्यपाल से मिलकर उन्होंने सभी कानूनी और राजनीतिक पहलुओं पर चर्चा की है. पार्टी नेतृत्व जल्द महाराष्ट्र में सरकार बनाने पर फैसला लेगा. 9 नवंबर को फडणवीस का मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल खत्म हो रहा है. यदि तब तक दो दिनों में कोई भी पार्टी या गठबंधन सरकार नहीं बनाती है तो राष्ट्रपति शासन की नौबत आ सकती है.
भाजपा शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत ने कहा कि शिवसेना अब भी मुख्यमंत्री पद की मांग पर कायम है. गवर्नर से मिलकर भी यदि भाजपा ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है तो साफ है कि उसके पास बहुमत नहीं है. वे राष्ट्रपति शासन लगाने की मंशा रखते हैं. यदि वे सरकार नहीं बना पा रहे हैं तो फिर बताएं कि हमारे पास बहुमत नहीं है.
राज्यपाल ने की अटॉर्नी जनरल से चर्चा राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य के अटॉर्नी जनरल आशुतोष कुंभकोणी से राज्य के वर्तमान राजनीतिक हालात को लेकर चर्चा की. सूत्रों ने कहा कि शुक्रवार को यदि कोई दल या गठबंधन सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करता तो राष्ट्रपति शासन की संभावना बढ़ जाएगी.
विधायकों को खेमा बदलने के लिए प्रलोभन भाजपा और शिवसेना के बीच बढ़ती खटास के बीच कांग्रेस ने पूछा कि शिवसेना को इस बात का डर लगता है कि सहयोगी दल भाजपा उसके विधायकों को 'खरीदेगी' तो क्या उसके पास महाराष्ट्र में सरकार गठन का नैतिक अधिकार है. राकांपा ने दावा किया कि विधायकों को खेमा बदलने के लिए प्रलोभन दिए गए हैं.