कोल स्कैम : पूर्व कोयला सचिव हरीश चंद्र गुप्ता सहित पांच पर आरोप तय, 5 दिसंबर को अदालत सुनाएगी सजा
By विकास कुमार | Published: December 3, 2018 05:22 PM2018-12-03T17:22:03+5:302018-12-03T17:32:35+5:30
स्पेशल जज भारत पराशर ने मामले में सुनवाई करते हुए इन लोगों को दोषी ठहराया। सीबीआई ने अदालत से इन दोषियों को अधिकतम 7 साल की सजा सुनाने और प्राइवेट फर्म के ऊपर भारी जुर्माना लगाने की मांग की है।
दिल्ली की एक अदालत ने चर्चित कोल स्कैम के मामले में पूर्व कोयला सचिव हरीश चंद्र गुप्ता सहित पांच लोगों को दोषी पाया है। कोर्ट सभी दोषियों को पाँच दिसम्बर को सजा सुनाएगा। आरोपियों को सात सात जेल तक की सजा हो सकती है। कोर्ट के अनुसार दोषियों ने पश्चिम बंगाल में नियमों को ताक पर रख कर एक प्राइवेट फर्म को अवैध तरीके से कोल ब्लाक आवंटित किए थे।
स्पेशल जज भारत पराशर ने मामले में सुनवाई करते हुए इन लोगों को दोषी ठहराया। सीबीआई ने अदालत से इन दोषियों को अधिकतम 7 साल की सजा सुनाने और प्राइवेट फर्म के ऊपर भारी जुर्माना लगाने की मांग की है।
हरीश चंद्र गुप्ता के वकील ने कोर्ट से सजा में नमी बरतने की अपील की है। उन्होंने कोर्ट में कहा कि गुप्ता की उम्र 70 साल से ज्यादा है और कई गंभीर बीमारियों से ग्रस्त है। उनका परिवार उनके पेंशन पर ही पूरी तरह से आश्रित है।
30 नवम्बर को अदालत ने पूर्व सचिव सहित प्राइवेट फर्म विकास मेटल्स एंड पावर लिमिटेड को भी दोषी पाया। कोर्ट ने प्राइवेट फर्म के मालिक विकास पतनी को भी दोषी ठहराया था। पीटीआई के मुताबिक कोर्ट ने पूर्व सचिव को भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश के तहत दोषी पाया है।
हरीश चंद्र गुप्ता 2006-2008 तक कोल ब्लाक आवंटन के स्क्रीनिंग समिति के अध्यक्ष थे। कोयला घोटाला यूपीए सरकार के समय हुआ था। इसे देश के इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला बताया गया था। कांग्रेस पार्टी के खिलाफ इस घोटाले ने एक राजनीतिक माहौल बनाया था जिसका खामियाजा कांग्रेस को 2014 लोकसभा चुनाव में उठाना पड़ा था।