सीएम गहलोत के पुत्र और पूर्व मुख्यमंत्री राजे के बेटे ने बनाया चुनाव को दिलचस्प

By प्रदीप द्विवेदी | Updated: April 29, 2019 03:06 IST2019-04-29T03:06:41+5:302019-04-29T03:06:41+5:30

जोधपुर इस चुनाव के सबसे विवादास्पद बयान के लिए भी चर्चा में रहा है, जहां चुनाव प्रचार के दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि- गहलोत ने मान लिया कि यहां की बाकी सीटें तो गईं, इसलिए बेटे को बचाने के लिए घूम रहे हैं! 

CM Gehlot's son and son of former Chief Minister Raje made interesting polls | सीएम गहलोत के पुत्र और पूर्व मुख्यमंत्री राजे के बेटे ने बनाया चुनाव को दिलचस्प

सीएम गहलोत के पुत्र और पूर्व मुख्यमंत्री राजे के बेटे ने बनाया चुनाव को दिलचस्प

लोकसभा चुनाव 2019 के तहत सोमवार को राजस्थान के 13 लोस निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान होगा, ये हैं- अजमेर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, जालोर, बारां-झालावाड़, पाली, राजसमंद, टोंक-सवाई माधोपुर, उदयपुर, जोधपुर और कोटा. 

पहले चरण में 13 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान 29 अप्रैल को सुबह 7 से शाम 6 बजे तक होगा. मतदान समाप्त होने के समय से 48 घंटे पहले की अवधि, मतलब- 27 अप्रैल, शनिवार शाम 6 बजे से 29 अप्रैल शाम 6 बजे तक सियासी दलों और उम्मीदवारों की ओर से सार्वजनिक सभा आयोजित करने, जुलूस निकालने, सिनेमा, दूरदर्शन, इलेक्ट्रॉनिक, सोशल मीडिया आदि के जरिए चुनाव प्रचार करने पर पूर्ण प्रतिबंध है.

यही नहीं, संगीत-समारोह, नाट्य-अभिनय या इनके जैसे कोई और मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित कर चुनाव प्रचार पर भी प्रतिबंध है. वैसे, पहले चरण के मतदान के बाद प्रदेश के कई दिग्गजों का भविष्य ईवीएम में बंद हो जाएगा, लेकिन इस चरण का मतदान वर्तमान सीएम अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री राजे के बेटे दुष्यंत सिंह के कारण दिलचस्प बन गया है. जहां, दुष्यंत सिंह के सामने 2014 की कामयाबी दोहराने की चुनौती है, वहीं, वैभव गहलोत पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं और उनके सामने बीजेपी के केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत हैं.

जोधपुर इस चुनाव के सबसे विवादास्पद बयान के लिए भी चर्चा में रहा है, जहां चुनाव प्रचार के दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि- गहलोत ने मान लिया कि यहां की बाकी सीटें तो गईं, इसलिए बेटे को बचाने के लिए घूम रहे हैं! 

इसके जवाब में कुछ वैसे ही लहजे में सीएम गहलोत बोले कि- मोदीजी के बेटा नहीं है, इसलिए वे कैसे समझेंगे कि बेटे के लिए बाप नहीं घूमेगा तो कौन घूमेगा? 
इस बार बाड़मेर लोस क्षेत्र भी खासा चर्चा में रहा है, जहां से विस चुनाव 2018 से पूर्व स्वाभिमान के मुद्दे पर बीजेपी छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हुए मानवेन्द्र सिंह चुनाव लड़ रहे हैं. यह मुकाबला इसलिए भी मजेदार है, क्योंकि यहां से बीजेपी ने अपने वर्तमान सांसद का टिकट काट दिया था, जिससे सांसद कर्नर सोनाराम खासे नाराज हो गए थे.

दक्षिण राजस्थान के आदिवासी क्षेत्र में बीटीपी के उदय के कारण पहली बार त्रिकोणात्मक संघर्ष की स्थिति बनी है. पिछले विस चुनाव 2018 के दौरान उदयपुर संभाग में बीटीपी ने अपनी प्रभावी मौजदूगी दर्ज करवाते हुए दो सीटें जीती थी. देखना दिलचस्प होगा कि इस बार बीटीपी कितनी असरदार उपस्थिति दर्ज करवाती है.
याद रहे, पिछले लोस चुनाव 2014 में इन 13 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज करवाई थी, लिहाजा जहां बीजेपी के सामने इन सभी 13 सीटों को बचाने की चुनौती है, वही कांग्रेस के पास इनमें से अधिकतम सीटें पाने का अवसर है.

Web Title: CM Gehlot's son and son of former Chief Minister Raje made interesting polls