मुंबई, 27 जुलाईः मराठा आरक्षण आंदोलन के हिंसक होने के बाद महाराष्ट्र सरकार को आखिरकार अड़ियल रुख ढीला करना पड़ा। वह इस मुद्दे पर बातचीत के लिए भी तैयार हो गई है। साथ ही साथ गुरुवार देर शाम सूबे के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों की बैठक बुलाई। बताया जा रहा है कि इस बैठक में मराठा आरक्षण मुद्दे को लेकर विचार-विमर्श किया गया है।
नवी मुंबई में इंटरनेट सेवाएं रहीं बंद
इधर, गुरुवार को मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा के एक दिन बाद नवी मुंबई में एहतियात के तौर पर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। ये सेवाए सुबह बंद कर दी गईं ताकि सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अफवाहों को रोका जा सके। नवी मुंबई के कोपर खैरने और कलमबोली में बुधवार को प्रदर्शनकारियों के पथराव में करीब 20 पुलिसकर्मी जख्मी हो गए थे जिनमें आठ अधिकारी भी शामिल हैं।
महाराष्ट्र के पांच विधायक दे चुके इस्तीफा महाराष्ट्र विधानसभा के सूत्रों ने बताया कि भरत भाल्के (कांग्रेस), राहुल अहेर (भाजपा) और दत्तात्रेय भारणे (राकांपा) ने विधायक पद से इस्तीफे दे दिए। इससे पहले बुधवार को हर्षवर्धन जाधव (शिवसेना) और भाऊसाहब पाटिल चिकटगांवकर (राकांपा) ने आरक्षण की मांग के समर्थन में इस्तीफा देने की पेशकश की थी। जाधव ने सुबह विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय को अपना इस्तीफा पत्र सौंपा। चिकटगांवकर ने कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को ईमेल के जरिए भेज दिया।
मैं इस मुद्दे पर निर्णय लेने में देरी नहीं करती: पंकजा
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर मराठा आरक्षण के मुद्दे को लेकर निशाना साधते हुए उनकी कैबिनेट सहयोगी पंकजा मुंडे ने कहा कि यदि वह प्रभारी होती तो वह निर्णय लेने में विलंब नहीं करतीं। मुंडे ने बीड जिले के पारली में मराठा प्रदर्शनकारियों से कहा, ‘‘मराठा आरक्षण की फाइल यदि मेरी मेज पर होती, मैं उसे एक पल के लिए भी विलंबित नहीं करती। इस मुद्दे पर इसलिए देरी हो रही है क्योंकि यह उच्च न्यायालय में लंबित है।’’ भाजपा नेता एवं ग्रामीण विकास मंत्री मुंडे ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि वह उन्हें सुनने के लिए आयी हैं और वह उन्हें कोई समझौता करने के लिए नहीं कहेंगी। ’’ देश-दुनिया की ताज़ा खबरों के लिए यहाँ क्लिक करे. यूट्यूब चैनल यहाँ सब्सक्राइब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट