उत्तरकाशी के आराकोट में बादल फटने से 10 की मौत, 6 लापता, भारी बारिश के बाद कई नदियां उफान पर
By भाषा | Published: August 19, 2019 03:40 PM2019-08-19T15:40:17+5:302019-08-19T15:40:17+5:30
राज्य पुलिस, एसडीआरएफ, आइटीबीपी, पीएसी के जवान और अधिकारी बचाव और राहत कार्यों में लगे हैं । उन्होंने बताया कि इन घटनाओं में घायल हुए चार व्यक्तियों को हेलीकॉप्टर से, बेहतर उपचार के लिये देहरादून के अस्पताल में लाया गया है।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के आराकोट तथा आसपास के क्षेत्र में रविवार को बादल फटने और भूस्खलन से मची तबाही में मरने वालों की संख्या सोमवार को 10 हो गई। पिछले दो दिनों में हुई भारी बारिश के चलते प्रदेश की सभी नदियां उफान पर हैं और हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान को पार कर गयी है।
खराब मौसम के कारण कल बाधित रहे तलाश और राहत अभियान में सुबह मौसम अपेक्षाकृत साफ होने के बाद तेजी आयी और भारतीय वायु सेना के एक हेलीकॉप्टर सहित तीन चॉपर्स की सहायता से खाने के पैकेट, राशन और जरूरी दवाइयों समेत राहत सामग्री प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचायी गयी।
बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं में आराकोट, माकुडी, मोल्डा, सनेल, टिकोची और द्विचाणु में कई मकान ढह गये थे । उत्तरकाशी के प्रभावित आराकोट क्षेत्र में तबाही का जायजा लेकर लौटे प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव अमित नेगी तथा राज्य आपदा प्रतिवादन बल के महानिरीक्षक संजय गुंज्याल ने यहां एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बताया, ‘‘प्रभावित क्षेत्रों से अभी तक दस शव बरामद हो चुके हैं जबकि छह अन्य के लापता होने की सूचना है।’’
Uttarakhand: Rescue operations underway in Uttarkashi's Mori tehsil following cloudburst in the area. pic.twitter.com/dm1rFNw9gi
— ANI (@ANI) August 19, 2019
राहत और बचाव कार्यों की निगरानी के लिये आराकोट में संचार सुविधाओं से युक्त आधार शिविर स्थापित किया गया है। गुंज्याल ने बताया कि माकुडी और आराकोट से चार—चार शव बरामद हुए हैं जबकि टिकोची और सनेल से एक—एक शव मिले हैं।
जिले के प्रभावित क्षेत्रों में अभी छह अन्य लोग लापता भी बताये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रभावित हुए करीब आधा दर्जन गांवों की जनता से संपर्क स्थापित कर लिया गया है। बादल फटने, भूस्खलन और उफनाई नदियों का पानी भर जाने जैसी भारी वर्षा से संबंधित घटनाओं से प्रभावित होने की आशंका वाले छह अन्य गांवों से भी संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है। आपदा प्रबंधन सचिव नेगी ने बताया कि आज मौसम में सुधार होने के साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत कार्यों में तेजी आयी।
Uttarakhand: Two persons airlifted from Arakot of Mori tehsil in Uttarkashi following cloudburst have been brought to Sahasradhara helipad in Dehradun. They are being shifted to Doon Hospital pic.twitter.com/tXXNkNSIsl
— ANI (@ANI) August 19, 2019
उन्होंने बताया कि राज्य पुलिस, एसडीआरएफ, आइटीबीपी, पीएसी के जवान और अधिकारी बचाव और राहत कार्यों में लगे हैं । उन्होंने बताया कि इन घटनाओं में घायल हुए चार व्यक्तियों को हेलीकॉप्टर से, बेहतर उपचार के लिये देहरादून के अस्पताल में लाया गया है।
हालांकि, उन्होंने आशंका व्यक्त की कि अभी प्रभावित क्षेत्रों में और लोग भी फंसे हो सकते हैं। गुंज्याल ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में तीन जगह—मोरी, आराकोट और त्यूनी—में हेलीपैड संचालित किये जा रहे हैं जिससे प्रभावित लोगों तक राहत सामग्री जल्दी पहुंचायी जा सके।
उन्होंने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और उन्हें राहत सामग्री पहुंचायी जा रही है । मौसम विभाग द्वारा राज्य के अनेक स्थानों पर भारी बारिश की संभावना जताए जाने के मद्देनजर प्रदेश के 13 में से नौ जिलों में आज स्कूल, कालेज तथा अन्य शिक्षण संस्थान बंद रखे गये।
Uttarkashi: Finance Secretary Amit Negi, Inspector General (IG) Sanjay Gunjyal, & Uttarkashi District Magistrate (DM) Ashish Chauhan takes stock of the situation in Arakot following cloud-burst in the region. #Uttarakhandpic.twitter.com/NilMR13Fpv
— ANI (@ANI) August 19, 2019
प्रदेश के ज्यादातर स्थानों पर लगातार बारिश के कारण गंगा और यमुना सहित प्रदेश की सभी छोटी—बडी नदियां उफान पर हैं और खतरे के निशान के नजदीक या ऊपर बह रही हैं । हरिद्वार में गंगा नदी खतरे के निशान 294.450 मीटर को पार कर गयी है जिसके कारण लक्सर क्षेत्र के कई गांवों में धान और गन्ने की 30 हजार बीघा फसलों को नुकसान पहुंचा है।
जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी ने बताया कि इस क्षेत्र के 30 गांवों की जनता को सतर्क करने के साथ ही बाढ़ चौकियों को भी अलर्ट रहने को कहा गया है । ऋषिकेश में भी सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा को पार करके खतरे के निशान 340.50 मीटर से महज 28 सेंटीमीटर नीचे था।
ऋषिकेश में गंगा के 340.22 मीटर जलस्तर पर बहने के कारण त्रिवेणी घाट जलमग्न हो गया और वहाँ पार्किंग में खड़े तीन वाहनों को मुश्किल से बाहर निकाला जा सका। ऋषिकेश के चन्द्रेश्वर नगर के निचले इलाकों में पानी घरों में घुस गया जिसके बाद वहां फंसे लोगों को बाहर निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया ।