रेलवे ने दी सफाई, 3 साल में अप्रिय हादसों में हुई 29-30 हजार मौतें, हादसों में शून्य मौत के दावे पर नीति

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: August 21, 2020 05:29 AM2020-08-21T05:29:46+5:302020-08-21T05:30:46+5:30

नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत द्वारा रेलवे के दावों को संज्ञान में लेने और आंकड़ों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने के बाद रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वी.के. यादव की ओर से यह स्पष्टीकरण आया है. कांत ने कहा था कि मुंबई उपनगरीय खंड पर ही प्रतिवर्ष हजारों मौत होती हैं.

Cleanliness of the railway - 29-30 thousand deaths due to unpleasant accidents in 3 years, policy on zero death claims in accidents | रेलवे ने दी सफाई, 3 साल में अप्रिय हादसों में हुई 29-30 हजार मौतें, हादसों में शून्य मौत के दावे पर नीति

रेलवे ने दी सफाई, 3 साल में अप्रिय हादसों में हुई 29-30 हजार मौतें, हादसों में शून्य मौत के दावे पर नीति

Highlightsरेलवे के पिछले वित्त वर्ष में शून्य मौत के दावे पर नीति आयोग द्वारा सवाल उठाए 2019-20 में परिणामी दुर्घटनाएं वास्तव में शून्य रहीं और इस साल भी.

नई दिल्ली: रेलवे के पिछले वित्त वर्ष में शून्य मौत के दावे पर नीति आयोग द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद रेलवे ने आज सफाई देते हुए कहा कि बीते तीन वर्षों के दौरान उसके परिसरों में 'अतिक्रमण और अन्य अप्रिय घटनाओं' में करीब 29-30 हजार लोगों की मौत हुई है.

नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत द्वारा रेलवे के दावों को संज्ञान में लेने और आंकड़ों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने के बाद रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वी.के. यादव की ओर से यह स्पष्टीकरण आया है. कांत ने कहा था कि मुंबई उपनगरीय खंड पर ही प्रतिवर्ष हजारों मौत होती हैं.

यादव ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि रेलवे सभी मौतों का हिसाब रखता है, जो उसके परिसर में होती हैं. इन्हें तीन अलग शीर्षकों- परिणामी दुर्घटनाएं, अतिक्रमण और अप्रिय घटनाओं के तहत दर्ज किया जाता है. उन्होंने कहा, ''यह सच है कि 2019-20 में परिणामी दुर्घटनाएं वास्तव में शून्य रहीं और इस साल भी.''

उन्होंने कहा, ''बीते तीन वर्षों में 29 से 30 हजार लोगों की मौत या तो अतिक्रमण या अप्रिय घटनाओं के कारण हुई.'' उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा हम नीति आयोग को भेजेंगे. क्या कहा था अमिताभ कांत ने नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने एक पत्र में यादव से कहा था, ''मैं आपका ध्यान इस तथ्य की तरफ आकृष्ट करना चाहूंगा कि इन मौतों में से बहुत सी ट्रेन से या प्लेटफॉर्म से पटरी पर गिरने से होती हैं. इसलिए उन्हें राष्ट्रीय रेल संरक्षण कोष के दायरे से बाहर नहीं रखा जाना चाहिए. आदर्श तरीके से उन्हें आधिकारिक रूप से दर्ज करना चाहिए.'' 

Web Title: Cleanliness of the railway - 29-30 thousand deaths due to unpleasant accidents in 3 years, policy on zero death claims in accidents

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