टीएमसी कार्यकर्ताओं और भाजपा नेता के सुरक्षा दस्ते में झड़प, न्यायालय ने घटना की रिपोर्ट मांगी

By भाषा | Published: January 5, 2021 09:01 PM2021-01-05T21:01:50+5:302021-01-05T21:01:50+5:30

Clash between TMC activists and BJP leader's security squad, court asks for report of incident | टीएमसी कार्यकर्ताओं और भाजपा नेता के सुरक्षा दस्ते में झड़प, न्यायालय ने घटना की रिपोर्ट मांगी

टीएमसी कार्यकर्ताओं और भाजपा नेता के सुरक्षा दस्ते में झड़प, न्यायालय ने घटना की रिपोर्ट मांगी

नयी दिल्ली, पांच जनवरी उच्चतम न्यायालय ने तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता कबीर शंकर बोस के सुरक्षा दस्ते के बीच हुयी कथित झड़प के संबंध में सीआईएसएफ द्वारा दायर विशेष घटना रिपोर्ट पेश करने का केन्द्र को मंगलवार को निर्देश दिया।

शीर्ष अदालत ने इसके अलावा घटना वाले दिन भाजपा नेता से संबंधित मूवमेंट लॉग बुक सीलबंद लिफाफे में पेश करने का भी निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति ऋषिकेष रॉय की पीठ ने सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता के अनुरोध पर इस मामले की सुनवाई अगले सप्ताह के लिये स्थगित कर दी। मेहता ने पीठ ने कहा कि वह इस मामले से संबंधित घटना की विशेष रिपोर्ट आज ही न्यायालय में दाखिल करेंगे।

मामले की सुनवाई शुरू होते ही पीठ ने मेहता से कहा कि उसके पिछले आदेश के अनुसार उन्हें विशेष घटना रिपोर्ट पेश करनी थी।

विशेष घटना रिपोर्ट वह औपचारिक रिपोर्ट है जो क्षेत्रीय केन्द्र में कार्यरत व्यक्ति के किसी अपराध या घायल होने जैसी किसी अप्रत्याशित घटना में संलिप्त होने के बारे में दाखिल की जाती है।

मेहता ने कहा कि उन्हें आज सुबह ही यह रिपोर्ट मिली है और वह इसे कार्यदिवस के दौरान ही दाखिल कर देंगे।

कबीर बोस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि इस घटना का समय बहुत महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि इस घटना का समय प्राथमिकी में दर्ज है और केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की रिपोर्ट में यह भिन्न है। उन्होंने मूवमेंट लॉग बुक पेश करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया।

पीठ ने मेहता को मूवमेंट लॉग बुक का रिकार्ड सीलबंद लिफाफे में पेश करने का निर्देश देने के साथ ही इस मामले को अगले सप्ताह के लिये सूचीबद्ध कर दिया।

बोस ने इस घटना की जांच पश्चिम बंगाल पुलिस से इतर सीबीआई, विशेष जांच दल या किसी स्वतंत्र एजेन्सी से कराने का अनुरोध किया है।

इसके अलावा, उन्होंने छह दिसंबर को कथित झड़प से संबंधित घटना के सिलसिले में पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में जांच और आगे की कार्यवाही पर भी रोक लगाने का अनुरोध किया है।

भाजपा के प्रवक्ता बोस ने इस घटना के संबंध में केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) द्वारा गृह मंत्रालय को भेजी गयी रिपोर्ट भी मंगाने का अनुरोध किया है।

बोस ने अपनी याचिका में दावा किया है कि पश्चिम बंगाल के सेरामपुर में वह और उनके साथ चल रही सीआईएसएफ की टुकड़ी पर उनके घर के बाहर ही रात में करीब आठ बजे संतोष कुमार सिंह उर्फ पप्पू सिंह के नेतृत्व में जबर्दस्त पथराव किया गया था। यह हमला होते ही सीआईएसएफ याचिकाकर्ता को तुरंत ही सुरक्षित स्थान पर ले गयी और इसके बाद सवेरे दो बजे तक इस क्षेत्र के सांसद कल्याण बनर्जी के नेतृत्व में राज्य पुलिस के सक्रिय समर्थन से टीएमसी के 200 से ज्यादा गुंडों ने पूरी इमारत की घेराबंदी कर रखी थी।

बोस ने कहा कि सात दिसंबर को पश्चिम बंगाल पुलिस ने पूरी इमारत की घेराबंदी कर ली थी और उन्हें कानून व्यवस्था की समस्या का हवाला देते हुये इमारत से बाहर निकलने से रोका।

याचिकाकर्ता के अनुसार थाने में पुलिस अधिकारी बार बार कह रहे थे कि कल्याण बनर्जी याचिकाकर्ता को तुरंत गिरफ्तार करने के लिये जबर्दस्त दबाव डाल रहे थे और इसीलिए याचिकाकर्ता को थाने में ही गिरफ्तार कर लिया गया और संविधान के अनुच्छेद 21 में प्रदत्त जीने के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करते हुये उसे जानबूझ कर कोविड पृथकवास वार्ड में दूसरे कोविड मरीजों के साथ करीब चार घंटे तक रखा गया।

न्यायालय ने पिछले साल 18 दिसंबर को भारतीय जनता पार्टी के पांच नेताओं को उनके खिलाफ पश्चिम बंगाल में दर्ज आपराधिक मामलों में अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था और राज्य की पुलिस को निर्देश दिया था कि इन नेताओं के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाये।

न्यायालय से अंतरिम संरक्षण प्राप्त करने वाले नेताओं में भाजपा के इन नेताओं में मुकुल रॉय के अलावा दो सांसद कैलाश विजयवर्गीय और अर्जुन सिंह भी शामिल हैं। इनके अलावा, भाजपा के दो अन्य नेताओं-सौरव सिंह और पवन कुमार को भी न्यायालय ने इसी तरह का अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था।

इन सभी नेताओं ने अलग-अलग दायर याचिकाओं में आरोप लगाया है कि विधानसभा के आसन्न चुनावों से संबंधित राजनीतिक गतिविधियों से उन्हें दूर रखने के लिये उन पर आपराधिक मामले थोपे जा रहे हैं।

भाजपा नेताओं ने पश्चिम बंगाल में उनके खिलाफ दर्ज मामलों की किसी स्वतंत्र और निष्पक्ष एजेन्सी से जांच कराने का अनुरोध किया है।

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Web Title: Clash between TMC activists and BJP leader's security squad, court asks for report of incident

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