नागरिकता संशोधन कानून: यूपी के संभल में इंटरनेट सेवा बंद, प्रशासन ने की शांति बनाए रखने की अपील
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 17, 2019 12:21 PM2019-12-17T12:21:56+5:302019-12-17T12:21:56+5:30
उच्चतम न्यायालय ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देश भर में हो रहे प्रदर्शनों के दौरान हिंसा की सीबीआई या अदालत की निगरानी वाली एसआईटी जांच का अनुरोध करने वाली एक याचिका पर विचार करने की मंगलवार को सहमति दी।
दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पुलिस कार्रवाई और विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ सोमवार को देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए। प्रदर्शन का समर्थन नेता और सामाजिक कार्यकर्ता भी करते नजर आए। विरोध को देखते हुए उत्तर प्रदेश प्रशासन ने मंगलवार को संभल जिले में इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी। बता दें कि नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ मऊ जिले के दक्षिण टोला क्षेत्र में लोगों ने हिंसक प्रदर्शन और आगजनी की। भीड़ ने थाने में तोड़फोड़ करते हुए उसे आग के हवाले करने की भी कोशिश की।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक जिले के दक्षिण टोला थाना क्षेत्र के अल्पसंख्यक बहुल मिर्जा हाजीपुरा चौक पर इस संशोधित कानून और जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ स्थानीय लोगों ने उग्र प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने दक्षिण टोला थाने को आग के हवाले करने की भी कोशिश की। जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि मिर्जा हादीपुरा में कुछ युवकों ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पुलिस की कार्रवाई के विरोध में ज्ञापन देने की योजना बनायी थी। देखते ही देखते मौके पर भीड़ बढ़ने लगी। मौके पर पहुंची पुलिस ने भीड़ को हटाने का प्रयास किया। इससे नाराज भीड़ ने दक्षिण टोला थाने के आसपास पथराव और आगजनी की। हालांकि इसमें कोई जख्मी नहीं हुआ।
जामिया हिंसा मामले में 10 गिरफ्तार, कोई छात्र शामिल नहीं
शहर के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के पास हुई हिंसा में कथित तौर पर शामिल आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि आरोपियों को सोमवार की रात गिरफ्तार किया गया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक गिरफ्तार किए गए लोगों में कोई भी छात्र नहीं है। विश्वविद्यालय रविवार को उस वक्त जंग के मैदान में तब्दील हो गया था जब पुलिस परिसर में घुस आई थी और वहां बल प्रयोग किया था। दरअसल, संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा और आगजनी हुई थी जिसमें चार डीटीसी बसों, 100 निजी वाहनों और 10 पुलिस वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया जिसके बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की।
पटना में 500 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज, छह गिरफ्तार
नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ यहां करगिल चौक के पास प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों द्वारा रविवार देर शाम की गई आगजनी के मामले में 35 नामजद, 500 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसके अलावा छह आरोपियों को को गिरफ्तार भी किया गया है। गौरतलब है कि सोमवार को प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों ने पुलिस चौकी और कई मोटरसाइकिल में आगजनी की थी तथा कई सरकारी एवं निजी वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया था। पुलिस अधीक्षक (नगर) विनय कुमार तिवारी ने सोमवार देर शाम बताया कि उक्त मामले में 35 नामजद, 500 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है और छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों में हुई हिंसा की जांच याचिका पर विचार करेगा SC
उच्चतम न्यायालय ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देश भर में हो रहे प्रदर्शनों के दौरान हिंसा की सीबीआई या अदालत की निगरानी वाली एसआईटी जांच का अनुरोध करने वाली एक याचिका पर विचार करने की मंगलवार को सहमति दी। इस मामले का प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अगुवाई वाली एक पीठ के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए उल्लेख किया गया। पीठ ने कहा, “हम हिंसा के मामले पर गौर करेंगे।” पीठ ने मामले में याचिकाकर्ता, अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय से कहा कि वह देश में जो कुछ हो रहा है, उस सबको अपने अधिकार क्षेत्र में नहीं समझ सकता है क्योंकि स्थिति और तथ्य अलग हो सकते हैं। साथ ही कहा, “हम यह नहीं कह रहे कि आप जो मुद्दा उठा रहे हैं वह जरूरी नहीं है।