प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शुक्रवार को दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए चेन्नई का दौरा किया। इस दौरान शी जिनपिंगने हेलीकॉप्टर के बजाए रोड द्वारा ममल्लापुरम की यात्रा करने का विकल्प चुना। पीएम मोदी यहां पहले ही हेलिकॉप्टर से आ चुके थे। जबकि, चीनी राष्ट्रपति ने 57 किमी की यात्रा चेन्नई से ममल्लापुरम को अपनी पसंदीदा होंगशी से सफर किया। राष्ट्रपति जिनपिंग के लिए चीनी लिमोजीन कहलाने वाली होंगकी कारें भी उनके साथी आई थी।
कार्यक्रम के मुताबिक चीनी राष्ट्रपति 11 अक्टूबर की दोपहर करीब डेढ़ बजे पहुंचे थे, जिनपींग की फ्लाइट के आगमन के वक्त करीब 15 मिनट के लिए चेन्नई हवाई अड्डे पर सभी डोमेस्टिक व इंटरनेशनल उड़ानों की आवाजाही रोक दी गई थी। हवाई अड्डे पर परम्परागत तरीके से सत्कार के बाद जिनपिंग अपनी पसंदीदा और मेड इन चाइना होंगशी कार L5 में सवार होकर होटल रवाना हुई थे। राष्ट्रपति जिनपिंग के काफिले में चीन से आई उनकी होंगशी की कारें मौजूद थी। हालांकि काफिले में सुरक्षा वाहन समेत अन्य कारें भारतीय थी।
वैसे यह कोई पहला मौका नहीं जब चीनी राष्ट्रपति विदेशी धरती पर अपनी कार के साथ सफर करें। जिनपींग लगभग एक सिद्धांत तरह ही जहां भी जाते हैं इस होंगशी कार का इस्तेमाल करते हैं। होंगशी का चीनी भाषा में अर्थ होता है 'लाल ध्वज' और चीन की इस सबसे पुरानी पेसेंपेज कर ब्रांड आ इस्तेमाल चीन के कई आला कम्यूनिस्ट नेता करते हैं। मओत्ज़े तुंग के ज़माने से यह कार शीर्ष कम्युनिस्ट नेतृत्व की पसंद रही है। हालांकि बीच में कुछ साल चीन के नेताओं ने विदेशी कारों को अपनी पसंद बनाया लेकिव राष्ट्रपति शी जिनपिंग खास तौर पर होंगशी में ही चलना पसंद करते हैं।
गौरतलब है कि अप्रैल 2018 में जब राष्ट्रपति जिनपिंग ने जब पीएम मोदी की मेजबानी की थी तब उनके लिए होंगशी लिमोजीन कार ही भेजी थी। चीन ने इसे खास सम्मान की तरह दिखाया था।