भारत की असली पहचान अध्यात्म, आस्था और राष्ट्रीयता?,  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा-देश को विश्वगुरु के रूप में स्थापित होने से कोई नहीं रोक सकता

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 12, 2025 05:22 IST2025-10-12T05:21:28+5:302025-10-12T05:22:17+5:30

जब करोड़ों रामभक्तों ने संकल्प लिया था ‘राम लला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे’, तब लोगों ने इसे असंभव माना था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और पूज्य संतों के आशीर्वाद से यह संकल्प अब साकार है।

Chief Minister Yogi Adityanath said Is India's true identity spirituality, faith and nationalism no one can stop country from establishing itself world leader | भारत की असली पहचान अध्यात्म, आस्था और राष्ट्रीयता?,  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा-देश को विश्वगुरु के रूप में स्थापित होने से कोई नहीं रोक सकता

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Highlightsठ न केवल अध्यात्म का केंद्र है, बल्कि लोकमंगल और राष्ट्रीय एकता का भी सशक्त माध्यम है।राम मंदिर निर्माण केवल एक धार्मिक कार्य नहीं, बल्कि भारत की आत्मा के पुनर्जागरण का प्रतीक है।चार प्रमुख आचार्यों शंकराचार्य, रामानुजाचार्य, रामानंदाचार्य और माधवाचार्य के नाम पर रखा गया है।

गाजीपुरः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि अध्यात्म, आस्था और राष्ट्रीयता ही भारत की असली पहचान है। योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को गाजीपुर स्थित सिद्धपीठ श्री हथियाराम मठ परिसर में आयोजित ‘राष्ट्रीय एकता एवं सामाजिक समरसता विषयक प्रबुद्धजन संवाद संगम’ को संबोधित करते हुए कहा, “भारत की पहचान उसकी आध्यात्मिक चेतना में है और जब तक भारत का नागरिक अपनी आध्यात्मिकता और राष्ट्रीयता के भाव से कार्य करेगा, तब तक देश को विश्वगुरु के रूप में स्थापित होने से कोई नहीं रोक सकता।”

एक आधिकारिक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें भगवती मां परम्बा बुढ़िया देवी के दर्शन और 900 वर्ष पुरानी संन्यासी परंपरा के इस सिद्ध पीठ में पूज्य महामंडलेश्वर स्वामी भवानी नंदन यति जी महाराज के सानिध्य में उपस्थित होने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि यह पीठ न केवल अध्यात्म का केंद्र है, बल्कि लोकमंगल और राष्ट्रीय एकता का भी सशक्त माध्यम है।

योगी ने कहा कि राम मंदिर निर्माण केवल एक धार्मिक कार्य नहीं, बल्कि भारत की आत्मा के पुनर्जागरण का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जब करोड़ों रामभक्तों ने संकल्प लिया था ‘राम लला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे’, तब लोगों ने इसे असंभव माना था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और पूज्य संतों के आशीर्वाद से यह संकल्प अब साकार है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2020 में राम मंदिर की आधारशिला रखे जाने से लेकर 2024 में भगवान श्रीराम के अपने गर्भगृह में विराजमान होने तक की यात्रा भारत की आस्था, एकता और संकल्प शक्ति की मिसाल है। उन्होंने बताया कि अयोध्या में चारों द्वारों का नाम चार प्रमुख आचार्यों शंकराचार्य, रामानुजाचार्य, रामानंदाचार्य और माधवाचार्य के नाम पर रखा गया है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश के मठ और मंदिर केवल उपासना के स्थान नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरसता के आधार स्तंभ भी हैं। उन्होंने कहा कि जब समाज में जाति या संप्रदाय के नाम पर वैमनस्य फैलाने की कोशिश होती है, तब यही मठ और संत समाज को जोड़ने का कार्य करते हैं।

योगी ने मंच से वीर अब्दुल हमीद और महावीर चक्र विजेता राम उग्रह पांडेय के परिवारों का सम्मान करते हुए कहा कि गाजीपुर की धरती ने देश को असंख्य वीर सपूत दिए हैं। गहमर गांव देश का सबसे बड़ा सैनिक ग्राम है यह इस जनपद का गौरव है।

मुख्यमंत्री ने जनपद गाजीपुर के श्री महंत रामाश्रय दास स्नातकोत्तर महाविद्यालय, भुड़कुड़ा में पहुंचकर परमपूज्य ब्रह्मलीन श्री महंत थ रामाश्रय दास जी की प्रतिमा का अनावरण भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने महाविद्यालय परिसर में पौधा रोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया और विद्यार्थियों से राष्ट्र एवं संस्कृति के प्रति समर्पित भाव से कार्य करने का आह्वान किया।

Web Title: Chief Minister Yogi Adityanath said Is India's true identity spirituality, faith and nationalism no one can stop country from establishing itself world leader

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