उत्तर प्रदेश योगी सरकार ने लखनऊ और नोएडा में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने का प्रस्ताव पारित किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को इसकी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि पुलिस सुधार की दिशा में ये एक ऐतिहासिक कदम है।
योगी कैबिनेट ने हरियाणा के गुरुग्राम और मुंबई की तर्ज पर यूपी में भी पुलिस कमिश्नरी के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। यह पद आईजी रैंक का होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसमें दो ज्वॉइंट पुलिस कमिश्नर स्तर के अधिकारी होंगे। माना जा रहै है कि एसएन साबत लखनऊ के पहले पुलिस कमिश्नर हो सकते हैं।
सीएम योगी ने कहा कि एडीजे स्तर के अधिकारी पुलिस आयुक्त होंगे, जबकि 9 एसपी रैंक के अधिकारी तैनात होंगे। उन्होंने कहा कि एक महिला एसपी रैंक की अधिकारी की भी तैनाती की जाएगी।
पुलिस कमिश्नरी प्रणाली में डिप्टी एसपी से ऊपर जितने अधिकारी होते हैं, उनके पास मजिस्ट्रेट स्तर की शक्ति होती है। मगर थानाध्यक्ष और सिपाही को वही अधिकार रहेंगे, जो उन्हें फिलहाल मिले हुए हैं।
ताजा व्यवस्था में विवाद या बड़े बवाल जैसी घटनाओं में जिलाधिकारी के पास भीड़ नियंत्रण और बल प्रयोग करने का अधिकार होता है। नई कमिश्नरी प्रणआली लागू होने पर इसका अधिकार अब पुलिस के पास होगा। इसके साथ ही शांति व्यवस्था के लिए धारा-144 लागू करने का अधिकार भी कमिश्नर को मिल जाएगा।