छत्तीसगढ़ः सीएम बघेल के पिता ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, कहा-ईवीएम नहीं बैलेट पेपर से हो चुनाव, वर्ना दी जाए "इच्छामृत्यु" की इजाजत
By सतीश कुमार सिंह | Published: January 11, 2022 08:33 PM2022-01-11T20:33:35+5:302022-01-11T20:36:14+5:30
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को पत्र लिखकर भारत में मतपत्रों का उपयोग करके चुनाव कराने का अनुरोध किया है।
रायपुरः छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की विश्वसनीयता पर संदेह जताते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर देश में बैलेट पेपर के जरिए चुनाव कराने का अनुरोध किया है। सोमवार को राष्ट्रपति को लिखे गए पत्र में उन्होंने अपनी मांग पूरी नहीं होने पर इच्छामृत्यु की भी गुहार लगाई।
पत्र में कहा कि देश के नागरिकों के सभी संवैधानिक अधिकारों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन किया जा रहा है। लोकतंत्र के तीन स्तंभ- विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका को नष्ट किया जा रहा है। मीडिया भी लोकतंत्र के तीन स्तंभों के इशारे पर काम कर रहा है।
Chhattisgarh Chief Minister Bhupesh Baghel's father Nand Kumar Baghel has written to President Ram Nath Kovind requesting elections in India be held using ballot papers. He also pleaded for "euthanasia" if his demand cannot be fulfilled
— Press Trust of India (@PTI_News) January 11, 2022
कोई भी देश के नागरिकों पर ध्यान नहीं दे रहा है। नागरिकों में भय की भावना है। सीएम के पिता राष्ट्रीय मतदाता जागृति मंच के प्रमुख हैं, जो मतदान के प्रति जागरूकता पैदा करता है। मतदान का अधिकार लोकतंत्र का सर्वोच्च अधिकार है जिसे ईवीएम के माध्यम से निष्पादित किया जा रहा है।
किसी भी राष्ट्रीय या आंतरिक रूप से मान्यता प्राप्त संस्थान या सरकार ने ईवीएम को शत-प्रतिशत सटीक प्रमाणित नहीं किया है। इस तथ्य के बावजूद, भारत में मशीनों का उपयोग करके मतदान आयोजित करके, जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, मेरे वोट के संवैधानिक अधिकार का हनन हो रहा है।
इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि मेरा वोट किसके पक्ष में गया, मैंने ईवीएम मशीन के माध्यम से बटन दबाया। चुनाव में मतदान और मतगणना की ऐसी पारदर्शी व्यवस्था लागू करना चुनाव आयोग और केंद्र सरकार का संवैधानिक कर्तव्य और जिम्मेदारी है, जिसका मूल्यांकन जनता, मतदाता स्वयं कर सकें। दावा किया कि दुनिया के कई विकसित देशों ने बैलेट पेपर और चुनाव की बॉक्स प्रणाली को अपनाया है।