छगन भुजबल का शरद पवार पर पलटवार, बोले- "माफी न मांगे, येओला के लोग मुझसे काफी खुश हैं"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 10, 2023 07:42 AM2023-07-10T07:42:25+5:302023-07-10T07:48:21+5:30
छगन भुजबल ने अपने गुरु शरद पवार द्वारा उनके निर्वाचन क्षेत्र येओला में जनता से सार्वजनिक मांफी मांगने पर पलटवार करते हुए कहा कि अगर वो भी इस तरह से मांफी मांगने लगे तो उन्हें भी कई निर्वाचन क्षेत्रों में जाकर उनकी तरह खेद व्यक्त करना होगा।
मुंबई:शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से उनके भतीजे अजित पवार के साथ बगावत का झंडा बुलंद करने वाले एनसीपी नेता और शिंदे सरकार में मंत्री छगन भुजबल ने बीते रविवार को अपने गुरु शरद पवार द्वारा उनके निर्वाचन क्षेत्र येओला में जनता से सार्वजनिक मांफी मांगने पर पलटवार करते हुए कहा कि अगर वो भी इस तरह से मांफी मांगने लगे तो उन्हें भी कई निर्वाचन क्षेत्रों में जाकर उनकी तरह खेद व्यक्त करना होगा।
इससे पहले शरद पवार ने भतीजे अजीत पवार की बगावत से बिखरी हुई एनसीपी को सहेजने के लिए राज्यव्यापी दौरा शुरू किया था और छगन भुजबल के नासिक स्थित येओला निर्वाचन क्षेत्र में आयोजित एक रैली में कहा था कि उन्हें भुजबल को येओला निर्वाचन क्षेत्र से बतौर पार्टी प्रत्याशी उतारने पर पछतावा है और वो इस गलत निर्णय के लिए जनता से माफी मांगते हैं।
येओला की सभा में शरद पवार ने कहा था, "मैं यहां येओला के लोगों से माफी मांगने आया हूं। मेरा फैसला गलत था, आपने मुझ पर भरोसा किया और मेरी पार्टी को वोट दिया लेकिन छगन भुजबल को येओला से विधायक बनाना मेरी विफल रहा।”
इसके जवाब में छगन भुजबल ने सोमवार को मीडियाकर्मियों को बात करते हुए कहा, "शरद पवार को माफी नहीं मांगनी चाहिए थी क्योंकि येओल के लोग मुझसे काफी खुश हैं। उन्होंने मुझे चार बार चुना। अगर वह इस तरह माफी मांगेंगे तो उन्हें कई अन्य लोगों के पास, कई अन्य जगहों पर माफी मांगने के लिए जाना होगा।"
छगन भुजबल एक वक्त में एनसीपी प्रमुख शरद पवार के सबसे विश्वस्त सहयोगियों में से एक माने जाते थे। भुजबल एनसीपी के उन 8 बागियों में शामिल थे, जिन्होंने शरद पवार के भतीजे और शिंदे सरकार में शामिल हुए उप मुख्यमंत्री अजीत पवार का साथ दिया है।
मालूम हो कि महाराष्ट्र की सियासत में उस समय भूचाल आ गया था जब अजित पवार ने बीच में ही एनसीपी को तोड़ दिया और भुजबल, प्रफुल्ल पटेल और हसन मुश्रीफ सहित 8 विधायकों और शीर्ष नेताओं के साथ महाराष्ट्र की एनडीए सरकार में शामिल हो गए थे।
चाचा शरद पवार से बगावत के बाद अजित पवार ने शिंदे सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली, वहीं उनके साथ एनसीपी से गये अन्य असंतुष्टों ने भी मंत्री पद की शपथ ली थी।