चारधाम परियोजना : केंद्र ने ‘‘पीठ से बचने’’ के एनजीओ के दावे को शीर्ष अदालत में खारिज किया

By भाषा | Published: May 13, 2021 09:04 PM2021-05-13T21:04:45+5:302021-05-13T21:04:45+5:30

Chardham Project: Center rejects NGO's claim of "escape from back" in top court | चारधाम परियोजना : केंद्र ने ‘‘पीठ से बचने’’ के एनजीओ के दावे को शीर्ष अदालत में खारिज किया

चारधाम परियोजना : केंद्र ने ‘‘पीठ से बचने’’ के एनजीओ के दावे को शीर्ष अदालत में खारिज किया

नयी दिल्ली, 13 मई केंद्र ने उच्चतम न्यायालय में बृहस्पतिवार को एक एनजीओ के उस दावे को पूरी तरह खारिज किया जिसमें कहा गया है कि वह महत्वाकांक्षी चारधाम राजमार्ग परियोजना को चौड़ा करने से जुड़े मामले में संबंधित ‘‘पीठ से बचने’’ का प्रयास कर रहा है।

रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 900 किलोमीटर लंबे राजमार्ग से जुड़ी परियोजना सभी मौसमों में उत्तराखंड में चार धामों-यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को जोड़ने पर केंद्रित है।

गैर सरकारी संगठन ‘सिटिजंस ऑफ ग्रीन दून’ ने मामले में अपने लिखित अभिवेदन में दावा किया है कि केंद्र सरकार संबंधित ‘‘पीठ से बचने’’ का प्रयास कर रही है।

न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की अवकाशकालीन पीठ ने अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल की दलीलों का संज्ञान लेते हुए कहा कि उसने मुद्दे पर एनजीओ से लिखित आवेदन दाखिल करने को नहीं कहा था और पक्षों से केवल यह कहा था कि वे मामले में पारित आदेश अदालत के समक्ष रखें।

मामले में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अदालत को इस बात को भी परखना चाहिए कि आखिर किस वजह से एनजीओ इस तरह के आरोप लगा रहा है, जबकि मामला चीन सीमा पर रणनीतिक सीमावर्ती सड़कों के निर्माण से जुड़ा है।

शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि मामले को प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण के समक्ष रखा जाए जिससे कि वह 18 मई को सुनवाई के लिए इसे किसी उचित पीठ को भेज सकें।

बृहस्पतिवार को मामले की सुनवाई करने वाली अवकाशकालीन पीठ में अगले सप्ताह संबंधित न्यायाधीश नहीं बैठेंगे।

एनजीओ की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोंजाल्वेस ने कहा कि उन्होंने कल शाम चार-पांच पृष्ठ का लिखित नोट दाखिल किया है और आज सुबह इसे कोर्ट मास्टर को भी भेज दिया गया।

पीठ ने गोंजाल्वेस से कहा, ‘‘आपने यह बहुत देर से भेजा है। हमने आपको कोई लिखित अभिवेदन दायर करने की अनुमति नहीं दी है।’’

इसने कहा कि वह मामले को प्रधान न्यायाधीश को भेज रही है जिससे कि इसे उचित पीठ को भेजा जा सके।

शीर्ष अदालत ने अगस्त 2019 में राष्ट्रीय हरित अधिकरण के एक आदेश में संशोधन करते हुए चारधाम राजमार्ग परियोजना का मार्ग प्रशस्त कर दिया था।

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Web Title: Chardham Project: Center rejects NGO's claim of "escape from back" in top court

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