चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूटा, जानें अब क्या होगा आगे?
By भाषा | Published: September 7, 2019 04:05 AM2019-09-07T04:05:38+5:302019-09-07T04:05:38+5:30
‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम को रात लगभग एक बजकर 38 मिनट पर चांद की सतह पर लाने की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन चांद पर नीचे की तरफ आते समय 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर जमीनी स्टेशन से इसका संपर्क टूट गया।
‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया। सपंर्क तब टूटा जब लैंडर चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लैंडर का संपर्क टूट जाने के बाद इसरो के वैज्ञानिकों से कहा,‘‘देश को आप पर गर्व है। सर्वश्रेष्ठ के लिए उम्मीद करें। हौसला रखें।’’
लैंडर को रात लगभग एक बजकर 38 मिनट पर चांद की सतह पर लाने की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन चांद पर नीचे की तरफ आते समय 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर जमीनी स्टेशन से इसका संपर्क टूट गया।
‘विक्रम’ ने ‘रफ ब्रेकिंग’ और ‘फाइन ब्रेकिंग’ चरणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया, लेकिन ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ से पहले इसका संपर्क धरती पर मौजूद स्टेशन से टूट गया।
इसके साथ ही वैज्ञानिकों और देश के लोगों के चेहरे पर निराशा की लकीरें छा गईं। इसरो अध्यक्ष के. सिवन इस दौरान कुछ वैज्ञानिकों से गहन चर्चा करते दिखे। उन्होंने घोषणा की कि ‘विक्रम’ लैंडर को चांद की सतह की तरफ लाने की प्रक्रिया योजना के अनुरूप और सामान्य देखी गई, लेकिन जब यह 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था तो तभी इसका जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया। डेटा का अध्ययन किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों से कहा, ‘‘आपने बहुत उत्तम सेवा की है और हमेशा भारत को गौरवान्वित किया है। मैं पूरी तरह आपके साथ हूं।’’ इस दौरान मोदी ने वहां मौजूद छात्र-छात्राओं से भी बात की। बाद में इसरो ने कहा कि डेटा का अध्ययन किया जा रहा है और निर्धारित संवाददाता सम्मेलन रद्द किया जाता है।
वहीं, विभिन्न विशेषज्ञों ने कहा कि अभी इस मिशन को असफल नहीं कहा जा सकता। लैंडर से पुन: संपर्क स्थापित हो सकता है। उन्होंने कहा कि अगर लैंडर विफल भी हो जाए तब भी ‘चंद्रयान-2’ का ऑर्बिटर एकदम सामान्य है और वह चांद की लगातार परिक्रमा कर रहा है।