भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद का एम्स में इलाज हो, जानिए क्या है मामला

By भाषा | Published: January 9, 2020 06:00 PM2020-01-09T18:00:26+5:302020-01-09T18:00:26+5:30

आजाद को पुरानी दिल्ली के दरियागंज इलाके में संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हिंसा के संबंध में गिरफ्तार किया गया है। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अरुल वर्मा ने आजाद की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनके पॉलीसाईथेमिया का समुचित उपचार एम्स में कराने का निर्देश दिया जहां पहले भी उनका उपचार हुआ था।

Chandrasekhar Azad, chief of Bhima Army, should be treated in AIIMS, know what is the matter | भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद का एम्स में इलाज हो, जानिए क्या है मामला

पॉलीसाईथेमिया बीमारी में शरीर में मौजूद खून गाढ़ा होने लगता है।

Highlightsजेल अधिकारियों ने आजाद की मेडिकल रिपोर्ट जमा करने के लिए अदालत से समय देने का अनुरोध किया था। याचिका में दावा किया गया था कि आजाद पॉलीसाईथेमिया से ग्रसित हैं।

दिल्ली की एक अदालत ने तिहाड़ जेल प्रशासन को पॉलीसाईथेमिया से पीड़ित भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद का एम्स में इलाज कराने का निर्देश दिया।

आजाद को पुरानी दिल्ली के दरियागंज इलाके में संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हिंसा के संबंध में गिरफ्तार किया गया है। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अरुल वर्मा ने आजाद की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनके पॉलीसाईथेमिया का समुचित उपचार एम्स में कराने का निर्देश दिया जहां पहले भी उनका उपचार हुआ था।

आजाद की ओर से पेश हुए वकील महमूद प्राचा ने बताया कि बुधवार को कुछ देर चली सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय राजधानी के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इलाज कराने के अनुरोध वाली उनकी याचिका के जवाब में जेल अधिकारियों ने आजाद की मेडिकल रिपोर्ट जमा करने के लिए अदालत से समय देने का अनुरोध किया था।

याचिका में दावा किया गया था कि आजाद पॉलीसाईथेमिया से ग्रसित हैं और उन्हें एम्स से संबंधित डॉक्टरों से लगातार जांच कराना पड़ता है, जो लंबे समय से उनका उपचार कर रहे हैं। पॉलीसाईथेमिया बीमारी में शरीर में मौजूद खून गाढ़ा होने लगता है।

याचिका में कहा गया कि अगर आजाद को तुरंत इलाज उपलब्ध नहीं कराया गया तो उन्हें दिल का दौरा भी पड़ सकता है। दिल्ली की अदालत ने भीम आर्मी के प्रमुख को 21 दिसंबर को न्यायिक हिरासत में भेजा था। आजाद के संगठन ने बिना पुलिस की अनुमति के संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में 20 दिसंबर को जामा मस्जिद से जंतर-मंतर तक मार्च निकाला था। 

Web Title: Chandrasekhar Azad, chief of Bhima Army, should be treated in AIIMS, know what is the matter

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