Champawat By Elections: सीएम पुष्कर सिंह धामी की हुई जीत, 57,268 वोटों से दी कांग्रेस उम्मीदवार को मात
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 3, 2022 11:30 AM2022-06-03T11:30:30+5:302022-06-03T11:55:16+5:30
Champawat By Elections: जीत के बाद सीएम धामी ने ट्वीट कर लोगों को धन्यवाद कहा और लिखा, ‘‘प्रिय चंपावतवासियों, चंपावत उपचुनाव में आपके द्वारा वोटों के माध्यम से बरसाए गए प्रेम व आशीर्वाद से मन अत्यंत भावुक है, निशब्द हूं।'’
Champawat By Elections: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में रिकार्ड जीत दर्ज करते हुए अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस की निर्मला गहतोड़ी को 55 हजार से अधिक मतों से पराजित किया है। चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई है।
आपको बता दें कि उपचुनाव में गहतोड़ी को 3147 मत, समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी मनोज कुमार को 409 और निर्दलीय उम्मीदवार हिमांशु गरकोटी को 399 वोट मिले है। कुल 372 मतदाताओं ने नोटा (उपरोक्त में से कोई नहीं) का बटन दबाया है। गौरतलब है कि उपचुनाव के लिए मतदान 31 मई को हुआ था। हालांकि, डाक से आए मतपत्रों की गिनती अभी चल रही है जिससे जीत के इन आंकड़ों में कुछ बदलाव हो सकता है।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अदा किया शुक्रिया
धामी ने चंपावत की जनता को जीत के लिए धन्यवाद दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा,‘‘ प्रिय चंपावतवासियों, चंपावत उपचुनाव में आपके द्वारा वोटों के माध्यम से बरसाए गए प्रेम व आशीर्वाद से मन अत्यंत भावुक है, निशब्द हूं।'’ आपको बता दें कि उत्तराखंड में 23 मार्च को दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले धामी को छह माह के अंदर विधानसभा का सदस्य निर्वाचित होना जरूरी था जिसके लिए चंपावत उपचुनाव हुआ।
Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami says BJP registers win in Champawat by-elections pic.twitter.com/lVtmyCoCMC
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 3, 2022
इससे पहले सीएम धामी हार गए थे
हाल में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 70 में से 47 सीटें जीतकर प्रदेश में लगातार दूसरी बार सत्ता में आने का इतिहास रचा लेकिन जीत की अगुवाई करने वाले धामी स्वयं खटीमा से हार गए थे। धामी के उपचुनाव लड़ने का रास्ता साफ करने के लिए कैलाश गहतोड़ी ने 21 अप्रैल को अपनी विधानसभा सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था।