कर्नाटक: केंद्र की आर्थिक सहायता में हो रही देरी से राहत कार्य पर असर, 223 तालुका सूखे का कर रही सामना
By अनुभा जैन | Published: November 6, 2023 01:17 PM2023-11-06T13:17:28+5:302023-11-06T13:24:56+5:30
केंद्र सरकार द्वारा राहत जारी करने में हो रही देरी के कारण राज्य भाजपा इकाइयों को और अधिक परेशानी की स्थिति में डाल दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने पहले ही कर्नाटक के कई तालुकों में सूखे का आंकलन करने के लिए 17 टीमों का गठन किया था।
बेंगलुरु: कर्नाटक राज्य गंभीर सूखे की स्थिति का सामना कर रहा है। राज्य सरकार ने घोषणा की है कि कुल 223 तालुका सूखे का सामना कर रहे हैं और केंद्र सरकार से राहत स्वरूप 17900 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता की मांग की है।
हालांकि, इधर केंद्र सरकार द्वारा राहत जारी करने में हो रही देरी के कारण राज्य भाजपा इकाइयों को और अधिक परेशानी की स्थिति में डाल दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने पहले ही कर्नाटक के कई तालुकों में सूखे का आंकलन करने के लिए 17 टीमों का गठन किया था।
पैसे के अभाव में कई टीमों के उक्त मूल्यांकन दौरे स्थगित हो रहे हैं। भाजपा पदाधिकारी के अनुसार, जारी की जाने वाली राहत राशि को अंतिम रूप देने से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री की अध्यक्षता वाली एक समिति को टीम की रिपोर्ट की जांच करनी चाहिये।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और गृह मंत्री अमित शाह चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं और भाजपा को देरी पर काफी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। बीजेपी प्रवक्ता एन. रविकुमार ने कहा कि केंद्र प्रक्रिया के मुताबिक फंड जारी करेगा। उन्होंने कहा, राज्य सरकार को तत्काल प्रभाव से पैसा जारी करना चाहिए जैसा कि पूर्व सीएम येदियुरप्पा ने 2019 में बाढ़ के दौरान किया था।
भाजपा पदाधिकारी ने कहा कि भाजपा के दौरे का सकारात्मक प्रभाव यह पड़ा कि इससे कांग्रेस सरकार को राज्य आपदा प्रतिक्रिया निधि (एसडीआरएफ) के तहत राहत के रूप में 324 करोड़ रुपये की पहली किश्त जारी करने में मदद मिली।
इस बीच, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जिलों के प्रभारी मंत्रियों को अपने-अपने जिलों का दौरा करने, राहत उपायों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने और 15 नवंबर तक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
पूर्व उपमुख्यमंत्री सीएम अश्वथ नारायण ने कहा, "हमारे द्वारा सूखा अध्ययन यात्रा की घोषणा के बाद ही राज्य सरकार हरकत में आई है।राज्य सरकार ने 33 हजार करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया है। लेकिन, सरकार को कर्नाटक की गंभीर सूखे की स्थिति का सामना करने के लिए और अधिक धनराशि जारी करनी चाहिए।
सीएम सिद्धारमैया ने मीडिया से कहा, "हमने प्राकृतिक आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) दिशानिर्देशों के तहत राहत के रूप में 17,900 करोड़ रुपये के लिए अनुरोध प्रस्तुत किया है। इस बीच हमने अपने ओर से राहत कार्य शुरू कर दिया है। मैं भाजपा पदाधिकारियों से आग्रह करता हूं कि वे हम पर झूठे आरोप लगाने के बजाय दिल्ली से राहत राशि प्राप्त करने का प्रयास करें।"