देश में कोरोना वैक्सीनेशन की वजह से हुई पहली मौत, 68 साल के बुजुर्ग को 8 मार्च को लगा था टीका
By वैशाली कुमारी | Published: June 15, 2021 05:37 PM2021-06-15T17:37:18+5:302021-06-15T17:37:57+5:30
सरकारी पैनल की रिपोर्ट के मुताबिक वैक्सीन प्रॉडक्ट से जुड़े रिएक्शन्स हो सकते हैं जिनकी वजह वैक्सीनेशन है।
देश में कोविड-19 रोधी टीकाकरण को शुरू हुए लगभग 5 महीने पूरे हो चुके हैं। 16 जनवरी से शुरू वैक्सीनेशन के इस कार्यक्रम में अब तक लगभग 26 करोड़ लोगों ने भाग लिया है। जिनमें से किसी को पूरी 2 डोज तो किसी को एक डोज लग चुकी है। सरकार ने कोविड-19 रोधी टीकाकरण के बाद गंभीर रोगियों की जांच की। गंभीर रोगियों की जांच में एक रोगी की वैक्सीनेशन से मौत की खबर सामने आई है।
सरकार ने इस 1 मौत के पीछे की वजह को कोविड-19 रोधी वैक्सीन को माना है। रिपोर्ट के मुताबिक 8 मार्च 2021 को एक 68 वर्षीय व्यक्ति ने वैक्सीनेशन करवाई जिसके बाद एनाफिलेक्सिस से उनकी मौत हो गई। वैक्सीन लगने के बाद व्यक्ति मे होने वाली इस समस्या को AEFI यानी एडवर्स इवेंट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन कहा जाता है। सरकार द्वारा AEFI की एक समिति गठित की गई जिसमें 26200 मामले सामने आए।
मिरर नाउ की रिपोर्ट के मुताबिक समिति के अध्यक्ष डॉ एनके अरोड़ा ने बताया कि टीकाकरण के बाद पहली मौत की पुष्टि हुई है। मरीज में एनाफिलेक्सिस पाया गया था। रिपोर्ट में बताया गया कि 3 मामले वैक्सीन के प्रॉडक्ट से जुड़े पाए गए हैं। सरकारी पैनल की रिपोर्ट के मुताबिक वैक्सीन प्रॉडक्ट से जुड़े रिएक्शन्स हो सकते हैं जिनकी वजह वैक्सीनेशन है। इन रिएक्शन्स में एलर्जी और एनाफिलेक्सिस भी शामिल है।
16 और 19 जनवरी को वैक्सीनेशन करवाने के बाद एनाफ्लैक्सिस के दो मामले सामने आए। दोनों व्यक्ति अस्पताल में भर्ती होने के बाद ठीक हो गए थे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी AEFI के आंकड़ों के मुताबिक 16 जनवरी से 7 जून के बीच 26,200 मामले सामने आए। हालाँकि कोविड-19 रोधी टीकाकरण के बाद AEFI के मामले कुल टीकाकरण का सिर्फ 0.01 प्रतिशत थे। वहीं मृत्यु दर इससे भी कम है।