सुशांत सिंह राजपूत मामले की होगी सीबीआई जांच, केंद्र ने मानी बिहार सरकार की सिफारिश, सुप्रीम कोर्ट में दी जानकारी
By विनीत कुमार | Published: August 5, 2020 12:06 PM2020-08-05T12:06:14+5:302020-08-05T12:21:02+5:30
सुशांत सिंह राजपूत मामले में सीबीआई जांच की बात केंद्र सरकार ने मान ली है। केंद्र ने ये जानकारी सुप्रीम कोर्च में बुधवार को दी। बिहार सरकार ने मंगलवार को इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।
केंद्र सरकार ने सुशांत सिंह राजपूत केस में सीबीआई जांच को लेकर सहमति जता दी है। इस बारे में जानकारी सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को दी। सुप्रीम कोर्ट में रिया चक्रवर्ती की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि केंद्र ने बिहार सरकार की सिफारिश मान ली है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कहा कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत के का सच सामने आना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट में दायर इस याचिका में रिया चक्रवर्ती ने केस से जुड़े सभी मामलों को पटना से मुंबई ट्रांसफर करने की अपील की थी।इससे पहले बिहार सरकार ने मंगलवार को सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी थी। हालांकि, रिया चक्रवर्ती के वकील ने तब इसे चुनौती देते हुए कहा था कि बिहार को इस तरह की सिफारिश करने का अधिकार नहीं है।
Solicitor General Tushar Mehta states before Supreme Court that Centre has accepted Bihar govt's request recommending CBI enquiry into #SushantSinghRajput death case.
— ANI (@ANI) August 5, 2020
SC is hearing Rhea Chakraborty's petition seeking direction for transfer of investigation from Patna to Mumbai. pic.twitter.com/YTlUPvBOQn
गौरतलब है कि पटना में सुशांत सिंह के पिता की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में कई गंभीर आरोप रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार पर लगाए गए हैं। एफआईआर में रिया पर सुशांत को आत्महत्या के लिये उकसाने का आरोप लगाया गया है। अभिनेता की मौत के मामले की जांच के अधिकार क्षेत्र को लेकर बिहार और महाराष्ट्र की पुलिस के बीच जोर आजमाइश जारी है।
सुशांत का शव मुंबई स्थित उनके आवास में 14 जून को फंदे से लटका हुआ मिला था। इसके बाद से ही इस मामले में मुंबई पुलिस की जांच को लेकर सवाल उठाए जाते रहे हैं। वैसे बता दें कि रिया ने एक बार गृह मंत्री अमित शाह को कथित तौर पर ट्वीट कर इस विषय की सीबीआई जांच की मांग की थी। हालांकि, मंगलवार को उन्होंने अपने वकील सतीश मणेशिंदे के मार्फत इस कदम का विरोध करते हुए कहा कि यह फैसला कानून के अनुरूप नहीं है।
(भाषा अपडेट)