सेंट्रल विस्टा परियोजना: ‘वन समतुल्य’ भूमि के इस्तेमाल की अनुमति, 1734 पेड़ दूसरी जगह लगाए जाएंगे
By भाषा | Updated: September 7, 2021 20:01 IST2021-09-07T20:01:51+5:302021-09-07T20:01:51+5:30

सेंट्रल विस्टा परियोजना: ‘वन समतुल्य’ भूमि के इस्तेमाल की अनुमति, 1734 पेड़ दूसरी जगह लगाए जाएंगे
नयी दिल्ली, सात सितंबर पर्यावरण मंत्रालय की क्षेत्रीय अधिकार प्राप्त समिति (आरईसी) ने सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत तीन कार्यालय भवनों के निर्माण के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) वाले स्थान पर 8.11 हेक्टेयर ‘‘वन समतुल्य’ भूमि के इस्तेमाल के संबंध में प्रस्ताव को ‘‘सैद्धांतिक रूप से’’ मंजूरी दे दी है।
वन भूमि के उपयोग के संबंध में अंतिम मंजूरी केंद्र सरकार द्वारा दी जानी है। अगस्त में दिल्ली सरकार ने ‘‘वन विभाग द्वारा निर्धारित शर्तों के अधीन व्यापक जनहित में’’ आरईसी के अनुमोदन के प्रस्ताव की सिफारिश की थी।
इस स्थान पर प्रति हेक्टेयर 250 से अधिक पेड़ हैं। दिल्ली वन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि इसलिए, इसे ‘‘वन के समतुल्य’’ माना गया और वन संरक्षण कानून, 1980 के तहत गैर-वन गतिविधि के संबंध में मंजूरी की आवश्यकता थी।
इस स्थान पर 2,219 पेड़ों में से केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) 1,734 को दूसरी जगह लगाना चाहता है और 485 पेड़ों को कायम रखना चाहता है। केंद्रीय सचिवालय का हिस्सा बनने वाले तीन कार्यालय भवनों का निर्माण 3,269 करोड़ रुपये की लागत से किया जाना है। पांच साल के रखरखाव के लिए 139 करोड़ रुपये का अलग से प्रावधान किया गया है। आरईसी ने 24 अगस्त को हुई बैठक में कुछ शर्तों के साथ सीपीडब्ल्यूडी के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
आरईसी कहा कि इसके बदले में वनीकरण के लिए दिल्ली वन विभाग को सभी अतिक्रमणों और बाधाओं से मुक्त भूमि, एकीकृत क्षेत्र कार्यालय (आईआरओ), जयपुर को अनुमोदन और अनुपालन के 15 दिनों के भीतर उपलब्ध कराई जानी चाहिए। बैठक के विवरण में कहा गया, ‘‘पेड़ों को दूसरी जगह लगाने की योजना आईआरओ जयपुर को भेजी जाए।’’
सीपीडब्ल्यूडी ने दिल्ली वन विभाग को सूचित किया है कि वह बदरपुर के एनटीपीसी इको पार्क में 1,500 पेड़ लगाएगा। शेष पेड़ों के लिए स्थान तय करने को अंतिम रूप दिया जा रहा है। एजेंसी के अनुसार, परियोजना के प्रस्तावित ‘‘लैंडस्केप प्लान’’ में 1,179 पेड़ हैं, जिनमें 485 को बनाए रखा गया है। सीपीडब्ल्यूडी ने द्वारका के सेक्टर-29 में धुलसीरस गांव के पास 8.11 हेक्टेयर भूमि को पेड़ों को लगाने के लिए प्रस्तावित की है।
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