20,000 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा नया संसद भवन, जल्द शुरू होगा निर्माण, जानें पुराने संसद भवन का क्या होगा

By गुणातीत ओझा | Published: May 3, 2020 09:01 AM2020-05-03T09:01:25+5:302020-05-03T18:01:23+5:30

लंबे विवाद और सैकड़ों आपत्तियों के बाद पर्यावरण मंत्रालय ने संसद के अतिरिक्त भवन के निर्माण को मंजूरी दे दी है। सरकार के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत इस निर्माण कार्य में 20,000 करोड़ रुपये की अनुमानित राशि खर्च होगी।

central vista nod for new parliament after nearly 1300 objection know all about this project | 20,000 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा नया संसद भवन, जल्द शुरू होगा निर्माण, जानें पुराने संसद भवन का क्या होगा

संसद भवन के नए इमारत से जुड़े प्रोजेक्ट को मंजूरी।

Highlightsलंबे विवाद और सैकड़ों आपत्तियों के बाद पर्यावरण मंत्रालय ने संसद के अतिरिक्त भवन के निर्माण को मंजूरी दे दी है। सरकार के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत इस निर्माण कार्य में 20,000 करोड़ रुपये की अनुमानित राशि खर्च होगी।आपत्तियों पर केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के स्पष्टीकरण के बाद विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (ईएसी) ने 22 अप्रैल को इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी।

नई दिल्ली। लंबे विवाद और सैकड़ों आपत्तियों के बाद पर्यावरण मंत्रालय ने संसद के अतिरिक्त भवन के निर्माण को मंजूरी दे दी है। सरकार के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत इस निर्माण कार्य में 20,000 करोड़ रुपये की अनुमानित राशि खर्च होगी। सरकार ने जब इस प्रोजेक्ट का प्रस्ताव रखा तो मंत्रालय के पास तमाम आपत्तियां आईं थी। आपत्तियों पर केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के स्पष्टीकरण के बाद विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (ईएसी) ने 22 अप्रैल को इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी।

बताते चलें कि सरकार का विवादों से घिरा यह प्रोजेक्ट संसद मार्ग पर मौजूदा संसद भवन के विस्तार और नवीनीकरण के रूप में सूचीबद्ध। मौजूदा संसद भवन के करीब ही इस इमारत का निर्माण प्रस्तावित है, जो कि 65,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला होगा। नई 42 मीटर ऊंची इस इमारत में बेसमेंट और तीन फ्लोर होंगे। सीपीडब्ल्यूडी ने कहा है कि मौजूदा संसद भवन को ध्वस्त करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। नई इमारत के निर्माण के साथ ही मौजूदा संसद भवन के ढांचे को मजबूत करने का काम भी जारी रहेगा, इसके इंटिरियर्स को रिनोवेट किया जाएगा। हालांकि, संसद परिसर के रिनोवेशन में 5,200 वर्ग मीटर में फैली पुरानी इमारतों को ध्वस्त भी किया जाएगा।

सरकार के इस प्रोजेक्ट पर आई आपत्तियों में कहा गया था, "ईएसी इस प्रोजेक्ट पर ऐसे समय में विचार कर रहा है जब पूरा देश में लॉकडाउन जारी है और देश स्वास्थ्य आपात स्थिति से निपट रहा है। कोरोना वायरस महामारी के समय हमें चिकित्सा सुविधाओं और सार्वजनिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के लिए सरकारी खर्च को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक नई संसद के निर्माण के प्रस्ताव को प्राथमिकता दी जा रही है।''

जवाब में सीपीडब्ल्यूडी ने कहा, “मौजूदा संसद भवन का निर्माण 93 साल पहले किया गया था। बीते सालों में कई योजनाबद्ध/अनियोजित परिवर्तन किए गए हैं, जिनका किसी दस्तावेज में कोई जिक्र भी नहीं है। मौजूदा संसद भवन में रिनोवेनशन की सख्त जरूरत है। यह केवल तब किया जा सकता है जब भवन खाली हो और एक बार नया भवन उपलब्ध हो जाने के बाद ऐसा संभव हो सकेगा। इसलिए, प्रस्तावित संसद भवन का निर्माण अत्यंत महत्वपूर्ण है।”

सीपीडब्ल्यूडी ने यह भी कहा कि एक बड़ी इमारत विधानमंडल के बेहतर कामकाज के लिए आवश्यक है। यह परियोजना लघु और दीर्घकालिक रोजगार के अवसर प्रदान करेगी और यह सामाजिक बुनियादी ढाँचे और समग्र विकास में सकारात्मक योगदान देगी। एक अन्य आपत्ति के जवाब में सीपीडब्ल्यूडी ने कहा, "परियोजना के प्रस्तावकों को संसद भवन के विरासत मूल्य के बारे में पता है। इस परियोजना का उद्देश्य धरोहर मूल्य की रक्षा करने की आवश्यकता के कारण है, इसके अलावा अन्य व्यावहारिक पहलू जैसे कि भविष्य के लिए अधिक सदस्यों को बैठाना और उन्हें आवश्यक बुनियादी ढाँचा प्रदान करने को देखते हुए इस परियोजना की कल्पना की गई है।

Web Title: central vista nod for new parliament after nearly 1300 objection know all about this project

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