केंद्र की मौद्रीकरण योजना जन-विरोधी, तत्काल वापस लिया जाए: तृणमूल कांग्रेस
By भाषा | Published: August 23, 2021 09:19 PM2021-08-23T21:19:02+5:302021-08-23T21:19:02+5:30
तृणमूल कांग्रेस ने सोमवार को दावा किया कि केंद्र की राष्ट्रीय मौद्रीकरण योजना (एनएमपी) ‘साठगांठ वाले पूंजीपतियों द्वारा सरकार का निजीकरण’ करने का उदाहरण है और इस ‘जन-विरोधी फैसले’ को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए। राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के मुख्य सचेतक सुखेंदु शेखर राय ने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहले कभी ‘केंद्र सरकार ने इतना असहाय होकर कॉर्पोरेट जगत के सामने समर्पण नहीं किया’। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा सरकार कॉर्पोरेट द्वारा, कॉर्पोरेट की और कॉर्पोरेट के लिए है। साठगांठ वाले पूंजीपतियों ने सरकार का पूरी तरह निजीकरण कर दिया है।’’ राय ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय मौद्रीकरण योजना (एनएमपी) की आड़ में यह दरअसल एक निजीकरण कार्यक्रम है। वे रेलवे से लेकर पत्तन और राजमार्ग तक सबकुछ बेच रहे हैं। यह दिवालिया सरकार है। हम चाहते हैं कि इस फैसले को तत्काल वापस लिया जाए।’’ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को छह लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मौद्रीकरण योजना (एनएमपी) की घोषणा की। इसके तहत रेल, सड़क और बिजली क्षेत्र की बुनियादी ढांचा संपत्तियों का मौद्रीकरण किया जाएगा।
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