लाइव न्यूज़ :

केंद्र ने त्वरित सुनवायी अदालतों का संचालन शुरू करने को लेकर राज्यों पर जोर दिया

By भाषा | Updated: October 24, 2021 15:58 IST

Open in App

नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर केंद्र ने यौन अपराधों के मामलों में पीड़ितों को जल्द न्याय दिलाने के लिए दो साल पहले गांधी जयंती पर शुरू की गई त्वरित सुनवायी अदालतों को संचालित करने को लेकर कुछ राज्यों पर नये सिरे से जोर दिया है।

केंद्र सरकार ने 2018 में आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम के पारित होने के बाद, 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 1,023 त्वरित सुनवायी विशेष अदालतें (एफटीएससी) गठित करने का निर्णय लिया था। इनमें से 389 अदालतें विशेष रूप से यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के उल्लंघन से संबंधित मामलों से निपटारे के लिए थीं।

कुल इच्छित एफटीएससी के मुकाबले, 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 367 पोक्सो अदालतों सहित 674 ने काम करना शुरू कर दिया। वहीं इस साल अगस्त तक इन अदालतों ने कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन के बावजूद 56,267 मामलों का निपटारा किया है।

सरकारी सूत्रों के अनुसार 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने एफटीएससी योजना के लिए अपनी सहमति दे दी है। पश्चिम बंगाल, जिसके लिए 123 ऐसी अदालतें निर्धारित की गई थीं, अंडमान और निकोबार जिसे एक एफटीएससी प्राप्त होनी थी और अरुणाचल प्रदेश, जिसे तीन एफटीएससी निर्धारित की गई थी, ने अभी तक अपनी सहमति नहीं दी है।

अरुणाचल प्रदेश ने कानून मंत्रालय में न्याय विभाग को बताया है कि फिलहाल मामलों की संख्या कम होने के कारण राज्य में ऐसी अदालतों की आवश्यकता नहीं है।

सूत्रों ने बताया कि गोवा को दो एफटीएससी निर्धारित की गई थीं। सूत्रों ने कहा कि गोवा ने एक एफटीएससी के लिए सहमति दी है लेकिन इसे अभी तक चालू नहीं किया गया है।

राज्यों की सहमति जरूरी है क्योंकि एफटीएससी केंद्र प्रायोजित योजना का हिस्सा है, जिसके लिए राशि में केंद्र और राज्य दोनों का योगदान होता है।

न्याय विभाग उन राज्यों से संचार कर रहा है जिन्होंने उनके लिए निर्धारित सभी या कुछ एफटीएससी को अभी तक शुरू नहीं किया है। सूत्रों ने कहा कि हाल ही में इन राज्यों को नए पत्र भेजे गए हैं।

ऐसे 10 राज्य हैं जिनके द्वारा उन्हें निर्धारित सभी एफटीएससी का संचालन करना बाकी है। उदाहरण के लिए, आंध्र प्रदेश ने ऐसी 18 में से नौ अदालतों का संचालन शुरू किया है। बिहार को 54 एफटीएससी निर्धारित की गई थी लेकिन अब तक 45 अदालतें शुरू की गई हैं।

इसी तरह, 138 के कोटे के साथ महाराष्ट्र ने अब तक 33 ऐसी अदालतों का संचालन किया है। उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, तमिलनाडु और नागालैंड सहित 17 राज्य ऐसे हैं जिन्होंने उनके लिए निर्धारित सभी एफटीएससी का कामकाज शुरू कर दिया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटसबसे आगे विराट कोहली, 20 बार प्लेयर ऑफ़ द सीरीज पुरस्कार, देखिए लिस्ट में किसे पीछे छोड़ा

ज़रा हटकेShocking Video: तंदूरी रोटी बनाते समय थूक रहा था अहमद, वीडियो वायरल होने पर अरेस्ट

क्राइम अलर्ट4 महिला सहित 9 अरेस्ट, घर में सेक्स रैकेट, 24400 की नकदी, आपतिजनक सामग्री ओर तीन मोटर साइकिल बरामद

क्रिकेटYashasvi Jaiswal maiden century: टेस्ट, टी20 और वनडे में शतक लगाने वाले छठे भारतीय, 111 गेंद में 100 रन

क्रिकेटVIRAT KOHLI IND vs SA 3rd ODI: 3 मैच, 258 गेंद, 305 रन, 12 छक्के और 24 चौके, रांची, रायपुर और विशाखापत्तनम में किंग विराट कोहली का बल्ला

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत