पराली जलाने पर आपात बैठक करे केन्द्र : दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मांग की

By भाषा | Updated: November 7, 2021 20:10 IST2021-11-07T20:10:05+5:302021-11-07T20:10:05+5:30

Center should hold emergency meeting on stubble burning: Delhi Environment Minister Gopal Rai demanded | पराली जलाने पर आपात बैठक करे केन्द्र : दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मांग की

पराली जलाने पर आपात बैठक करे केन्द्र : दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मांग की

नयी दिल्ली, सात नवंबर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने रविवार को कहा कि पराली जलाए जाने की समस्या से निपटने का तरीका खोजने के लिए केन्द्र राष्ट्रीय राजधानी के पड़ोसी राज्यों के साथ आपात बैठक करे क्योंकि इसके कारण शहर की वायु गुणवत्ता बहुत खराब हो गई है।

दिल्ली में रविवार की सुबह आठ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद गंभीर श्रेणी में 437 दर्ज किया गया। शनिवार को यह 449 था।

राय ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं और दिल्ली में वायु गुणवत्ता के खराब होने में प्रत्यक्ष संबंध है, जैसा कि आंकड़ों से दिखता है।

उन्होंने कहा, ‘‘दीवाली पर पटाखे जलाने का भी कुछ प्रभाव था, लेकिन अब यह कम हो रहा है। लेकिन पराली जलने का प्रभाव दिल्ली में वायु गुणवत्ता को लगातार खराब करता जा रहा है।’’

राय ने कहा कि उन्होंने केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखकर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली समेत राज्यों के साथ ‘आपात’ बैठक करने की मांग की है ताकि पराली जलने और राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण की समस्या का समाधान खोजा जा सके।

उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों में पराली जलाया जाना ही सर्दियों के मौसम में दिल्ली की खराब होती वायु गुणवत्ता के लिए जिम्मेदार है।

राय ने कहा कि केन्द्र तथा पड़ोसी राज्यों की लापरवाही के कारण प्रदूषित हवा में दिल्ली का दम घुट रहा है। उन्होंने कहा कि नासा की तस्वीर सेवा के अनुसार, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में 1 से 6 नवंबर के बीच पराली जलाने की 21,623 घटनाएं हुई हैं।

मंत्री ने कहा, ‘‘मैंने केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखकर प्रदूषण के मुद्दे पर आपात बैठक बुलाने की मांग की है। पड़ोसी राज्यों में पराली जलाए जाने में कमी लाने के लिए अगर तत्काल और दीर्घकालिक कदम नहीं उठाए गए तो हम दिल्ली में प्रदूषण से कभी निजात नहीं पा सकेंगे।’’

राय ने दावा किया कि केजरीवाल सरकार ने पराली जलाने और वायु प्रदूषण से मुक्ति के लिए बार-बार संयुक्त कार्रवाई की अपील की है, लेकिन उसे नजरअंदाज कर दिया गया है। केन्द्र और पड़ोसी राज्य मानव जीवन के लिए कोई चिंता नहीं दिखा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि 1 से 6 नवंबर के बीच के आंकड़े स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि पराली जलाने की घटनाएं जब-जब बढ़ी हैं तब दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खराब हुआ है।

पर्यावरण मंत्री ने कहा, ‘‘एक नवंबर को पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की 2,077 घटनाएं हुईं। इस दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 281 था, जिसमें स्थानीय प्रदूषण भी शामिल था। दो नवंबर को 3,291 घटनाएं हुईं और एक्यूआई 303 था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘तीन नवंबर को 2,775 घटनाएं हुईं और एक्यूआई 314 था। चार नवंबर को 3,383 घटनाएं हुई और एक्यूआई 382 रहा। पांच नवंबर को पराली जलाने की 5,728 घटनाएं हुईं और पटाखे जलने के कारण सब मिलकर एक्यूआई 462 पहुंच गया। छह नवंबर को पराली जलने की घटनाएं कम होकर 4,369 रह गयीं और एक्यूआई भी कम होकर 437 रहा।’’

उल्लेखनीय है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शून्य से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।

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Web Title: Center should hold emergency meeting on stubble burning: Delhi Environment Minister Gopal Rai demanded

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