कृषि क्षेत्र के लिए केंद्र और राज्यों को मिलकर काम करने की जरूरत: उपराष्ट्रपति नायडू
By भाषा | Updated: March 31, 2021 23:00 IST2021-03-31T23:00:37+5:302021-03-31T23:00:37+5:30

कृषि क्षेत्र के लिए केंद्र और राज्यों को मिलकर काम करने की जरूरत: उपराष्ट्रपति नायडू
हैदराबाद, 31 मार्च किसानों की हालत सुधारने एवं कृषि को लाभकारी बनाने के लिए इस क्षेत्र में बहुप्रतीक्षित सुधारों पर बल देते हुए उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए केंद्र एवं राज्यों से सहयोगपरक कार्रवाई करने का आह्वान किया।
उन्होंने एक ऐसी प्रणाली बनाने के लिए किसानों एवं कृषि वैज्ञानिकों के साथ संवाद का सुझाव दिया जो कृषक समुदाय को ठोस नतीजा दे।
आंध्रप्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव मोहन कांडा द्वारा लिखित पुस्तक ‘ एग्रीकल्चर इन इंडिया: कंटेम्प्रेरी चैलेंजेस- इन कॉन्टेक्स्ट ऑफ डबलिंग फार्मर्स इनकम्स’ का विमोचन करने के बाद नायडू ने सुधार लाने के लिए केंद्र एवं राज्यों को टीम इंडिया की भावना के साथ मिलकर काम करने की सलाह दी।
उन्होंने अंग्रेजी के चार पी (पार्लियामेंट, पॉलिटिकल पार्टीज, पॉलिसीमेकर्स और प्रेस) का हवाला देते हुए कहा कि संसद, राजनीतिक दल , नीति निर्माता और प्रेस को बढचढ़कर कृषि के प्रति सकारात्मक रवैया अपना चाहिए क्योंकि किसान असंगठित एवं स्वरहीन हैं।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार उन्होंने कहा कि कृषि को लाभकारी बनाने के लिए क्रांतिकारी बदलाव समय की मांग है और हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह वृद्धि तेज और वहनीय हो।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि किसानों को उनकी पूर्ण क्षमता का अहसास करने से जो रूकावटें रोक रही हैं उनकी पहचान की जानी चाहिए, ‘‘क्योंकि हम चीजें यूं ही नहीं छोड़ सकते।’’
उन्होंने कहा कि कई लोग खेती-बाड़ी छोड़कर शहरी क्षेत्रों की ओर पलायन कर रहे हैं क्योंकि बढ़ती लागत और प्रतिकूल बाजार दशाओं के चलते कृषि लाभप्रद नहीं है, ऐसे में कृषि को लाभप्रद बनाने के लिए शासन एवं ढांचागत बदलाव जैसे दीर्घकालिक नीतिगत बदलाव जरूरी हैं।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।