भारत-पाक सीमा पर हालात हुए नाजुक, तोपों की गर्जना के बीच बड़े पैमाने पर हो रहा है पलायन

By सुरेश डुग्गर | Updated: April 5, 2019 18:43 IST2019-04-05T18:43:47+5:302019-04-05T18:43:47+5:30

पाक सेना की गोलाबारी से सबसे अधिक त्रस्त उड़ी, बारामुल्ला, कुपवाड़ा, पुंछ तथा राजौरी के सेक्टर हैं। पाक गोलाबारी के जारी रहने के कारण सीमांत लोग समझ ही नहीं पा रहे हैं कि सीजफायर है या युद्ध.

ceasefire violation from pakistan is making situation worst at LOC | भारत-पाक सीमा पर हालात हुए नाजुक, तोपों की गर्जना के बीच बड़े पैमाने पर हो रहा है पलायन

image source- The Hindu

Highlightsडेढ़ माह के भीतर डेढ़ सौ से अधिक घर पाक गोलाबारी के कारण क्षतिग्रस्त हुए हैं और 100 के करीब पशुओं की जानें जा चुकी हैं।पाक सेना की गोलाबारी से सबसे अधिक त्रस्त उड़ी, बारामुल्ला, कुपवाड़ा, पुंछ तथा राजौरी के सेक्टर हैं।

814 किमी लंबी भारत-पाक सीमा अर्थात एलओसी पर हालात और खराब हो गए हैं। सीजफायर के बावजूद एलओसी के इलाकों में दोनों पक्षों द्वारा तोपखानों के इस्तेमाल और भारतीय सैनिक व नागरिक ठिकानों को गोलों की बरसात से पाट देने की पाक सेना की कोशिशों ने इस ओर जो दहशत का माहौल पैदा किया है उसका परिणाम यह है कि एलओसी पर तारबंदी के पार और साथ में सटे गांव खाली होने लगे हैं।

इन गांववासियों को पलायन से रोकने की भारतीय सेना ने कोई कोशिश इसलिए भी नहीं की है क्योंकि वह जानती है कि पाक सेना एलओसी पर कहर बरपाने को आमादा है। करीब डेढ़ माह से वह वैसे भी एलओसी पर जो कहर बरपा रही है उससे त्राहि-त्राहि मची हुई है।

हालांकि पाक सेना की गोलाबारी, जिसमें वह मीडियम रेंज के तोपखानों का भी इस्तेमाल कर रही है, को भारतीय पक्ष अभी भी सीजफायर उल्लंघन ही बता रहा है पर आंकड़े बताते हैं कि पिछले डेढ़ महीने के अरसे में कोई भी दिन ऐसा नहीं था जिस दिन पाक सेना ने एलओसी के कई इलाकों में गोलाबारी न की हो।

पाकिस्तान की तरफ से जारी गोलीबारी 

पाक सेना की गोलाबारी से सबसे अधिक त्रस्त उड़ी, बारामुल्ला, कुपवाड़ा, पुंछ तथा राजौरी के सेक्टर हैं। पाक गोलाबारी के जारी रहने के कारण सीमांत लोग समझ ही नहीं पा रहे हैं कि सीजफायर है या युद्ध क्योंकि रात के अंधेरे को चीरते हुए तोप के गोले अब उनके घरों की छतों को भेदने लगे हैं। आंकड़ों के बकौल, डेढ़ माह के भीतर डेढ़ सौ से अधिक घर पाक गोलाबारी के कारण क्षतिग्रस्त हुए हैं और 100 के करीब पशुओं की जानें जा चुकी हैं।

जम्मू सीमा के अब्दुल्लियां, नंदपुर, मेला-बेल्ला, गरखाल आदि गांवों से हजारों लोगों ने सुरक्षा की खातिर पलायन का रास्ता अपनाना आरंभ किया है। उन्हें मजबूर होकर उस समय यह कदम उठाना पड़ा जब बीएसएफ ने उन्हें सुरक्षा का आश्वासन नहीं दिया। हालांकि कई गांवों के लोगों ने महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर भिजवा कर आगे ही डटे रहने का फैसला किया है।

सिर्फ जम्मू सीमा ही नहीं बल्कि पाक सेना एलओसी से सटे इलाकों में भी मोर्टार और छोटे तोपखानों से गोले बरसा कर लगातार सीजफायर का उल्लंघन कर रही है। भारतीय पक्ष हालांकि पाक गोलाबारी का भरपूर जवाब तो दे रहा है पर वह सयंम भी बरत रहा है।

करीब 15 सालों के बाद यह पहला अवसर है कि पाक सेना और रेंजरों द्वारा इस प्रकार इतने पैमाने पर सीजफायर का उल्लंघन कर गोलों की बरसात की जा रही हो। पिछले 15 सालों से आराम की जिन्दगी काट रहे सीमावासियों के लिए परेशानी यह है कि इतने सालों से मिली खुशी को वे इस प्रकार गंवाना नहीं चाहते हैं।

Web Title: ceasefire violation from pakistan is making situation worst at LOC

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