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पाक सेना के लिए सीजफायर के मायने आतंकियों को एकत्र करो और भारत में कराओ घुसपैठ

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: August 16, 2020 16:30 IST

सेना कहती है कि इसके स्पष्ट मायने यही हैं कि पाकिस्तान सीजफायर के समाप्त होेते ही आतंकवादियों को बड़ी संख्या में इस ओर धकेलने का प्रयास करेगा।

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ठळक मुद्देपाकिस्तानी सेना की अग्रिम सीमा चौकियों पर सादे कपड़ों में आने वालों की तादाद बढ़ती जा रही है।ये सैनिक नहीं हैं बल्कि वे आतंकवादी हैं जिन्हें इस ओर धकेलने के लिए एकत्र किया जा रहा है।सेनाधिकारियों की ओर से भी इसकी पुष्टि की जा चुकी है कि एलओसी के पार आतंकवादियों का जमावड़ा बढ़ता जा रहा है।

जम्मू:  माना की सीमाओं पर सीजफायर हैं लेकिन वे सब हरकतें पाकिस्तान की ओर से बंद नहीं की गई हैं जिनके कारण राज्य में खून खराबा हो रहा है।

सेना कहती है कि अब पाकिस्तानी सेना एलओसी से एक दो के दलों में आतंकवादियों को इस ओर धकेल रही है तो सेना के ही मुताबिक, एलओसी के उस पार पाकिस्तानी सीमा चौकिओं पर बड़े पैमाने पर आतंकवादियों को एकत्र करने का सिलसिला कभी रूका नहीं है। सेना कहती है कि इसके स्पष्ट मायने यही हैं कि पाकिस्तान सीजफायर के समाप्त होेते ही आतंकवादियों को बड़ी संख्या में इस ओर धकेलने का प्रयास करेगा।

स्पष्ट शब्दों में कहें तो पाकिस्तानी सेना सीजफायर के मायने आतंकवादियों को खुल्लमखुल्ला तौर पर अपनी सीमा चौकिओं पर एकत्र करने और उन्हें टेªनिंग देने के तौर पर ले रही है। इसका खुलासा सेना भी अब करने लगी है जो एलओसी के पास पाकिस्तानी सीमा चौकिओं पर कड़ी नजर रखे हुए है।

रक्षाधिकारियों के बकौलः ‘सीजफायर के पहले ही दिन से एलओसी से सटी पाकिस्तानी सेना की अग्रिम सीमा चौकिओं पर सादे कपड़ों में आने वालों की तादाद बढ़ती जा रही है। ये सैनिक नहीं हैं बल्कि वे आतंकवादी हैं जिन्हें इस ओर धकेलने के लिए एकत्र किया जा रहा है।’

सेना की उत्तरी कमान के मुख्यालय में तैनात सेनाधिकारियों की ओर से भी इसकी पुष्टि की जा चुकी है कि एलओसी के पार आतंकवादियों का जमावड़ा बढ़ता जा रहा है। फिलहाल वे इनकी सही संख्या बता पाने में तो सक्षम नहीं हैं लेकिन अंदाजन यह संख्या दस हजार के लगभग बताई जा रही है। ये सभी 814 किमी लंबी एलओसी के उस पार पाकिस्तानी सीमा चौकिओं पर तैनात हैं।

इन्हीं अधिकारियों के बकौल, सिर्फ आतंकवादियों को सीमा चौकिओं पर तैनात ही नहीं किया गया है बल्कि उन्हें टेªनिंग भी दी जा रही है। और भारतीय सैनिकों की मजबूरी यह है कि जिस सीजफायर का लाभ उठाते हुए पाकिस्तानी सेना ऐसा कर रही है वही सीजफायर भारतीय जवानों के लिए बाधा बन गया है।

बताया तो यह भी जा रहा है कि इन अग्रिम सीमा चौकिओं पर एकत्र किए गए आतंकवादियों में से कुछेक को एक-दो के दलों में भारतीय सीमा में प्रतिदिन धकेला जा रहा है। भारतीय सेना की कठिनाई यह है कि ऊबड़-खाबड़ और नदी-नालों से परिपूर्ण एलओसी पर आतंकवादियों के एक-दो के दलों को रोक पाना उसके लिए संभव नहीं है। रक्षाधिकारी कहते हैंः‘चप्पे चप्पे पर चाहे जवान तैनात कर लिए जाएं एक दो आतंकवादी आर-पार आसानी से हो सकता है।’

टॅग्स :एलओसीपाकिस्तानजम्मू कश्मीरआतंकवादी
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