चीन के साथ सीमा पर गतिरोध के बीच सीडीएस रावत, वायुसेना प्रमुख ने पूर्वी लद्दाख का दौरा किया

By भाषा | Updated: January 12, 2021 01:00 IST2021-01-12T01:00:55+5:302021-01-12T01:00:55+5:30

CDS Rawat, Chief of Air Force visited East Ladakh amid deadlock along the border with China | चीन के साथ सीमा पर गतिरोध के बीच सीडीएस रावत, वायुसेना प्रमुख ने पूर्वी लद्दाख का दौरा किया

चीन के साथ सीमा पर गतिरोध के बीच सीडीएस रावत, वायुसेना प्रमुख ने पूर्वी लद्दाख का दौरा किया

नयी दिल्ली, 11 जनवरी प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने सोमवार को लद्दाख का दौरा कर सेना की समग्र तैयारियों की समीक्षा की, जहां पिछले आठ महीने से जारी गतिरोध के बीच भारत और चीन के हजारों सैनिक ऊंचे पहाड़ों पर तैनात हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने सोमवार को लद्दाख में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण दौलत बेग ओल्डी, थोइस और न्योमा आधुनिक लैंडिंग स्ट्रिप का दौरा किया और भारत तथा चीन के बीच जारी सीमा गतिरोध के मद्देनजर क्षेत्र में वायुसेना की तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की।

अधिकारियों ने बताया कि वायु सेना प्रमुख ने फील्ड कमांडर से बातचीत की और उन्हें अभियान की तैयारियों के साथ ही ऊंचाई पर स्थित हवाई अड्डों पर बल की तैनाती के बारे में जानकारी दी गई।

दौलत बेग ओल्डी एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड (एएलजी) वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास 16,700 फुट की ऊंचाई पर स्थित है और इसे दुनिया का सबसे ऊंचा एयरफील्ड माना जाता है। न्योमा हवाई अड्डा 13 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित है।

उन्होंने कहा कि एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने इन स्थानों पर तैनात भारतीय सेना के जवानों से भी बातचीत की।

वायुसेना ने एक बयान में कहा, ‘‘थोईस के दौरे में उन्होंने ठंड के मौसम में जवानों के वहां बने रहने के लिए आपूर्ति अभियान की भी समीक्षा की।’’

इसमें बताया गया कि उन्होंने दौलत बेग ओल्डी और न्योमा एएलजी का भी दौरा किया जहां उन्हें सुरक्षा स्थिति से अवगत कराया गया।

वहीं, अधिकारियों ने बताया कि सीडीएस जनरल रावत ने लद्दाख दौरे के दौरान अलग से सैन्य तैयारियों का जायजा लिया।

जनरल रावत को लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने पूर्वी लद्दाख में सुरक्षा की स्थिति से अवगत कराया।

बाद में लेह वायुसेना अड्डे पर वायु सेना प्रमुख भदौरिया और जनरल रावत ने परिचालन मामलों पर एक व्यापक चर्चा की और इस दौरान वायु सेना एवं थल सेना के वरिष्ठ कमांडर भी मौजूद रहे।

इसबीच क्षेत्र में चीन की जनमुक्ति सेना (पीएलए) के सैनिकों की हरकतों के बारे में जानकारी रखने वालों के मुताबिक कड़ाके की सर्दी की वजह से उसने क्षेत्र के पिछले इलाकों में स्थिति अपने प्रशिक्षण केंद्र से कुछ सैनिकों को हटाया है। उन्होंने कहा कि इससे हालांकि एलएसी पर तैनात संचालनात्मक तैनाती पर हालांकि कोई फर्क नहीं पड़ा है।

उन्होंने कहा कि चीन ने एलएसी से करीब 80 से 100 किलोमीटर दूर स्थित प्रशिक्षण केंद्रों से लगभग 10 हजार सैनिकों को हटाया है हालांकि क्षेत्र के अग्रिम इलाकों पर उसकी तैनाती में कोई कमी नहीं आई है।

प्रमुख रक्षा अध्यक्ष ने लद्दाख के इस दौरे के पहले अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास दिंबाग घाटी, लोहित सेक्टर और सुबंसिरी घाटी में विभिन्न चौकियों समेत महत्वपूर्ण ठिकानों का दौरा किया था।

थल सेना और वायु सेना पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के मद्देनजर चीन के साथ लगी करीब 3500 किलोमीटर की एलएसी के पास किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सतर्क अवस्था में तैनात है।

भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में विभिन्न स्थानों पर करीब 50,000 सैनिकों की तैनाती की है। अधिकारियों के मुताबिक चीन ने भी इतने ही सैनिकों की तैनाती कर रखी है। दोनों पक्षों के बीच सैन्य और राजनयिक स्तर पर कई चरण की वार्ता के बावजूद अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है।

पिछले महीने थल सेना प्रमुख एम एम नरवणे ने पूर्वी लद्दाख का दौरा कर क्षेत्र में जमीनी हालात की समीक्षा की थी।

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Web Title: CDS Rawat, Chief of Air Force visited East Ladakh amid deadlock along the border with China

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