'कश्मीर में 10-12 साल के छोटे बच्चों को कट्टरपंथी बनाया गया', CDS चीफ बिपिन रावत ने किया दावा

By पल्लवी कुमारी | Updated: January 17, 2020 09:10 IST2020-01-17T09:10:40+5:302020-01-17T09:10:40+5:30

बिपिन रावत नई दिल्ली में आयोजित 'रायसीना डायलॉग' में कहा, ''देश में कट्टरपंथ से मुक्ति दिलाने वाले शिविर चलाए जा रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में भी कट्टरपंथ से मुक्ति दिलाने वाले शिविर हैं।

CDS General Bipin Rawat claim Children who 10-12 years old being radicalised in Kashmir | 'कश्मीर में 10-12 साल के छोटे बच्चों को कट्टरपंथी बनाया गया', CDS चीफ बिपिन रावत ने किया दावा

भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बिपिन रावत (फाइल फोटो)

Highlightsबिपिन रावत ने कहा, ''इन लोगों को धीरे-धीरे कट्टरपंथ से अलग किया जा सकता है। हालांकि, ऐसे लोग भी हैं जो पूरी तरह कट्टरपंथी हो चुके हैं।''बिपिन रावत ने कहा, ये शिविर उन लोगों के लिए जरूरी हैं जो चरमपंथ के चंगुल में फंस चुके हैं। 

भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बिपिन रावत ने दावा किया है कि कश्मीर में 10-12 साल के लड़के-लड़कियों को कट्टरपंथी बना दिया गया है और उन बच्चों को भी ऐसे शिविरों में लाना पड़ रहा है जो चिंता का विषय है। बिपिन रावत ने यह बात गुरुवार (16 जनवरी 2020) को नई दिल्ली में आयोजित 'रायसीना डायलॉग' में कही। बिपिन रावत ने पिहली बार खुलासा करते हुए कहा कि देश में कट्टरपंथ से मुक्ति दिलाने वाले शिविर चल रहे हैं क्योंकि यह वैसे लोगों को अलग करने के लिए जरूरी है, जिनका पूरी तरह चरमपंथीकरण हो चुका है। रावत ने कश्मीर में हालात का जिक्र करते हुए कहा कि घाटी में 10 और 12 साल के लड़के-लड़कियों को कट्टरपंथी बनाया जा रहा है, जो चिंता का विषय है। 

बिपिन रावत ने कहा, ''इन लोगों को धीरे-धीरे कट्टरपंथ से अलग किया जा सकता है। हालांकि, ऐसे लोग भी हैं जो पूरी तरह कट्टरपंथी हो चुके हैं। इन लोगों को अलग से कट्टरपंथ से मुक्ति दिलाने वाले शिविर में ले जाने की आवश्यकता है।'' बिपिन रावत ने कहा, ये शिविर उन लोगों के लिए जरूरी हैं जो चरमपंथ के चंगुल में फंस चुके हैं। 

रावत ने, ''देश में कट्टरपंथ से मुक्ति दिलाने वाले शिविर चलाए जा रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में भी कट्टरपंथ से मुक्ति दिलाने वाले शिविर हैं। जनरल रावत ने कहा, ''मैं आपको बता दूं कि पाकिस्तान भी ऐसा कर रहा है। पाकिस्तान में भी चरमपंथ से मुक्ति दिलाने वाले शिविर चलाए जा रहे हैं क्योंकि वे समझ चुके हैं कि जिस आतंकवाद को वे प्रायोजित कर रहे हैं, वह उन्हें भी प्रभावित कर रहा है।''

यह पहला मौका है जब किसी शीर्ष अधिकारी ने भारत में चरमपंथ से मुक्ति दिलाने वाले शिविर के बारे में बात की है। जनरल रावत ने कहा कि आतंकवाद से प्रभावी तरीके से मुकाबले के लिये कट्टरपंथ को रोकना अहम है। कट्टरपंथी युवा लोग कश्मीर में सुरक्षा बलों पर पथराव करने में शामिल हैं। कट्टरपंथ की बड़ी चुनौती के रूप में पहचान करते हुए उन्होंने कहा कि प्रभावी कार्यक्रम के जरिये इससे मुकाबला किया जा सकता है। (पीटीआई-भाषा इनपुट के साथ)

Web Title: CDS General Bipin Rawat claim Children who 10-12 years old being radicalised in Kashmir

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