तमिलनाडु: हाईकोर्ट ने गिरफ्तार यूट्यूबर के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द की, CDS रावत की मौत पर डीएमके को बनाया था निशाना
By विशाल कुमार | Published: December 15, 2021 08:51 AM2021-12-15T08:51:36+5:302021-12-15T08:55:58+5:30
तमिल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और यूट्यूब पर अपने भाजपा समर्थक रुख के लिए जाने जाने वाले मरिदास को तुरंत रिहा नहीं किया जाएगा क्योंकि उन्हें एक अन्य मामले के सिलसिले में 27 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
चेन्नई: मद्रास हाईकोर्ट की मदुरई पीठ ने मंगलवार को यूट्यूबर मरिदास के खिलाफ एक ट्वीट पर दर्ज एक एफआईआर को रद्द कर दिया, जिसमें सत्तारूढ़ डीएमके को निशाना बनाया गया था और अप्रत्यक्ष रूप से हेलीकॉप्टर दुर्घटना के लिए साजिश और अलगाववाद के उद्देश्यों को जिम्मेदार ठहराया गया था।
मंगलवार को एफआईआर रद्द करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि एफआईआर में उल्लिखित किसी भी अपराध का मामला नहीं बनता है।
तमिल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और यूट्यूब पर अपने भाजपा समर्थक रुख के लिए जाने जाने वाले मरिदास को तुरंत रिहा नहीं किया जाएगा क्योंकि उन्हें एक अन्य मामले के सिलसिले में 27 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
न्यूज18 के एक वरिष्ठ संपादक का फर्जी ईमेल बनाने के मामले में सोमवार को शहर की एक अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
बता दें कि, मरिदास का ट्वीट पिछले सप्ताह तमिलनाडु के कुन्नूर में वायुसेना के एक सैन्य हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 12 अन्य लोगों की मौत से जुड़ा था।
मरिदास ने ट्वीट को बाद में डिलीट कर दिया था लेकिन मदुरई सिटी साइबर अपराध पुलिस ने शिकायत के बाद एफआईआर दर्ज कर मरिदास को गिरफ्तार कर लिया था।
मरिदास पर आईपीसी की धारा 124 (ए) (राजद्रोह), 153ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रतिकूल कार्य करना) और 504 (शांति भंग को भड़काने के इरादे से जानबूझकर अपमान) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
मरिदास की गिरफ्तारी के बाद राज्य भाजपा इकाई ने मदुरई में विरोध प्रदर्शन किया था। वहां भाजपा के लोगों के एक समूह ने उनकी गिरफ्तारी को रोकने की कोशिश की, वहीं पार्टी के राज्य नेतृत्व ने भी गिरफ्तारी की निंदा की थी।